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रणथंभौर के बाघों से रूबरू होंगे आसपास के ग्रामीण, युवा और बच्चे, ये है मकसद - Ranthambore National Park

Tiger Safari in Ranthambore, रणथंभौर के बाघों से अब आसपास के लोगों को रूबरू कराया जाएगा. इसके लिए हर सप्ताह आसपास के गांवों के बच्चों को टाइगर रिजर्व घुमाया जाएगा और वोलेंटियर के रूप में जोड़कर सूचना तंत्र मजबूत किया जाएगा. क्या है इसके पीछे का मकसद ? यहां जानिए...

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 31, 2024, 6:16 AM IST

Tiger Safari in Ranthambore
रणथंभौर के बाघों का दीदार (ETV Bharat GFX)

भरतपुर: सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बाघों से अब आसपास के ग्रामीण, बच्चों और युवाओं को रूबरू कराया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों और युवाओं में बाघों के प्रति लगाव बढ़ाने के लिए उन्हें हर सप्ताह टाइगर रिजर्व की सैर कराई जाएगी. इससे युवा और बच्चे बाघों के प्रति संवेदनशील बनेंगे. इसके साथ ही टाइगर रिजर्व में युवाओं को वोलेंटियर के रूप में जोड़कर यहां के सूचना तंत्र को और मजबूत किया जाएगा.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक व बीते माह रणथंभौर टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के कार्यवाहक डीएफओ रहे मानस सिंह ने बताया कि आरटीआर में भरपूर पानी, भोजन और सुरक्षित वातावरण के चलते बाघों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों के लोगों का टाइगर रिजर्व और बाघों से जुड़ाव काफी कम रहा. वो शायद ही कभी टाइगर रिजर्व में अंदर जा पाते थे. ऐसे में अब प्रयास है कि हर सप्ताह आसपास के गांवों के 20 परिवारों के बच्चों को टाइगर रिजर्व घुमाने के लिए ले जाया जाए. इससे आसपास के ग्रामीणों, युवाओं और बच्चों का टाइगर रिजर्व व बाघों से जुड़ाव बढ़ेगा.

Tigers in Ranthambore
रणथंभौर में बाघों की स्थिति (ETV Bharat GFX)

पढ़ें : वर्ल्ड टाइगर डे : बाघों की बारगाह राजस्थान, 100 से ज्यादा टाइगर वाला देश का नौवां राज्य - International Tiger Day 2024

पढ़ें : 'मन की बात' में फिर रणथम्भौर का जिक्र, पीएम मोदी की बात सुन लोगों ने ली ये शपथ - Mann Ki Baat

पढ़ें : कभी बाघ विहीन घोषित हुआ था सरिस्का, आज 40 से ज्यादा का कुनबा, पर्यटकों की भी पहली पसंद - International Tiger Day 2024

उसके अलावा अब टाइगर्स का कई ऐसे स्थानों पर मूवमेंट बढ़ गया है, जहां वो पहले कभी नहीं देखे जाते थे. इसके पीछे का कारण इनकी बढ़ती हुई संख्या है. ऐसे में आसपास के गांवों के युवाओं को वोलेंटियर के रूप में टाइगर रिजर्व से जोड़ा जा रहा है. इससे टाइगर रिजर्व का सूचना तंत्र मजबूत होगा और बाघों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी.

फैक्ट फाइल :

  1. 1334 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है रणथंभौर टाइगर रिजर्व.
  2. 1 नवंबर 1980 में मिला था राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा.
  3. 20 टाइगर यहां से अब तक प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व में किए जा चुके हैं शिफ्ट.

गौरतलब है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. फिलहाल, रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या करीब 73 पहुंच गई है. जबकि यहां के करीब 10 बाघ धौलपुर-करौली रिजर्व क्षेत्र में टेरिटरी बनाकर रह रहे हैं. ऐसे में अब वन विभाग अपने सूचना तंत्र को मजबूत करने और लोगों में बाघों के प्रति जुड़ाव बढ़ाने में जुटा है.

भरतपुर: सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बाघों से अब आसपास के ग्रामीण, बच्चों और युवाओं को रूबरू कराया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों और युवाओं में बाघों के प्रति लगाव बढ़ाने के लिए उन्हें हर सप्ताह टाइगर रिजर्व की सैर कराई जाएगी. इससे युवा और बच्चे बाघों के प्रति संवेदनशील बनेंगे. इसके साथ ही टाइगर रिजर्व में युवाओं को वोलेंटियर के रूप में जोड़कर यहां के सूचना तंत्र को और मजबूत किया जाएगा.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक व बीते माह रणथंभौर टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के कार्यवाहक डीएफओ रहे मानस सिंह ने बताया कि आरटीआर में भरपूर पानी, भोजन और सुरक्षित वातावरण के चलते बाघों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों के लोगों का टाइगर रिजर्व और बाघों से जुड़ाव काफी कम रहा. वो शायद ही कभी टाइगर रिजर्व में अंदर जा पाते थे. ऐसे में अब प्रयास है कि हर सप्ताह आसपास के गांवों के 20 परिवारों के बच्चों को टाइगर रिजर्व घुमाने के लिए ले जाया जाए. इससे आसपास के ग्रामीणों, युवाओं और बच्चों का टाइगर रिजर्व व बाघों से जुड़ाव बढ़ेगा.

Tigers in Ranthambore
रणथंभौर में बाघों की स्थिति (ETV Bharat GFX)

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उसके अलावा अब टाइगर्स का कई ऐसे स्थानों पर मूवमेंट बढ़ गया है, जहां वो पहले कभी नहीं देखे जाते थे. इसके पीछे का कारण इनकी बढ़ती हुई संख्या है. ऐसे में आसपास के गांवों के युवाओं को वोलेंटियर के रूप में टाइगर रिजर्व से जोड़ा जा रहा है. इससे टाइगर रिजर्व का सूचना तंत्र मजबूत होगा और बाघों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी.

फैक्ट फाइल :

  1. 1334 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है रणथंभौर टाइगर रिजर्व.
  2. 1 नवंबर 1980 में मिला था राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा.
  3. 20 टाइगर यहां से अब तक प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व में किए जा चुके हैं शिफ्ट.

गौरतलब है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. फिलहाल, रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या करीब 73 पहुंच गई है. जबकि यहां के करीब 10 बाघ धौलपुर-करौली रिजर्व क्षेत्र में टेरिटरी बनाकर रह रहे हैं. ऐसे में अब वन विभाग अपने सूचना तंत्र को मजबूत करने और लोगों में बाघों के प्रति जुड़ाव बढ़ाने में जुटा है.

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