फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही दिन का समय शेष रह गया है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां एक्टिव नजर आ रही हैं. वहीं, रणजीत चौटाला ने हलोपा-बीजेपी गठबंधन को लेकर बयान जारी किया है. रणजीत चौटाला ने रानिया से गोपाल कांडा द्वारा हलोपा की टिकट घोषणा पर कहा कि अमित शाह कह चुके हैं किसी भी पार्टी से बीजेपी गठबंधन नहीं करेगी. बीजेपी अपने दम पर ही सरकार बनाएगी.
'बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर': वहीं, गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा द्वारा रणजीत सिंह चौटाला की सीट रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित करने के सवाल पर रणजीत चौटाला ने कहा कि हर एक का अपना मौलिक अधिकार है. कोई कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है. लेकिन चुनावी मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस के बीच ही रहेगा. रानिया से बीजेपी की टिकट के सवाल पर रणजीत सिंह ने कहा कि 3 माह पहले पार्टी ने उन्हें हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ाया. अब 3 माह में ऐसी कोई अयोग्यता उनमें नहीं आई. उनका अपना जनाधार है. 5 लाख से ज्यादा वोट आए, 30 हजार से हार गए.
'बीजेपी अपने दम पर बनाएगी सरकार': रणजीत चौटाला ने कहा कि बीजेपी अपने दम पर ही सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि रानिया से जब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर स्वतंत्र चुनाव लड़ा तो 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. जबकि बाकियों की तो जमानत भी जब्त हो गई. बीजेपी के प्रति समर्पित, अच्छी इमेज, जीतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट देती है. हलोपा की घोषणाओं पर उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा दौरे पर साफ तौर कहा था कि बीजेपी समझौता नहीं करेगी और अपने बल पर सरकार बनाएगी.
'कानूनी नियमों के आधार पर मिली फरलो': वहीं, इन दिनों हरियाणा में एक और मुद्दा गरमाया हुआ है. रेप और हत्या का आरोपी व सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले फरलो मिलना. हर बार की तरह चुनाव से ठीक पहले डेरा मुखी को मिली फरलो को लेकर भी रणजीत चौटाला ने कहा कि बाबा को पैरोल या फरलो कानूनों के तहत मिलती है. लिहाजा इसमें कुछ भी गलत नहीं है. रणजीत चौटाला ने कहा कि जेल महकमे के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता कि वह अपने स्तर पर किसी भी अपराधी को बाहर निकाल सके.
रणजीत चौटाला ने बताए पैरोल-फरलो के नियम: रणजीत चौटाला ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी राम रहीम को पैरोल या फरलो मिलती है तो हर बार प्रश्न उठता है. रणजीत चौटाला ने कहा कि हमारे पास 25 हजार कैदी हैं. जब भी कोई कैदी 3 साल से ज्यादा सजा भुगत लेता है तो उसके पास अधिकार होता है कि वह पैरोल या फरलो ले सके. हमारा काम सिर्फ एप्लीकेशन फॉरवर्ड करना होता है. यदि सजा 3 साल तक है तो डीसी लेवल और सजा 7 साल से ज्यादा है तो पुलिस कमिश्नर स्तर पर पैरोल मिलती है. जेल में केवल एप्लीकेशन आती है. जिसे जेल के कानूनों के तहत आगे भेज दिया जाता है. यदि राम रहीम को पैरोल या फरलो मिल रही है तो जेल मैनुअल के तहत मिल रही है.
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