ETV Bharat / state

रांची के 72 आईओ पर हो सकती है निलंबन की कार्रवाई, ग्रामीण एसपी ने किया शो-कॉज, जानिए क्या है मामला - NEGLIGENCE IN INVESTIGATION

केस के अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है. रांची के ग्रामीण एसपी ने कई आईओ को शोकॉज किया है.

SP Show Cause To Police Officers
पुलिस पदाधिकारियों संग समीक्षा बैठक करते रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल (फाइल फोटो-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 30, 2025, 5:49 PM IST

रांचीः राजधानी के ग्रामीण थानों में पदस्थापित 72 आईओ (इंवेस्टीगेटिंग ऑफिसर) को रूरल एसपी ने शो-कॉज किया है. इसकी वजह पिछले 5 महीने से कांडों के निष्पादन में पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा बरती गई लापरवाही है. ग्रामीण एसपी ने पुलिस पदाधिकारियों को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. उचित जवाब नहीं मिलने पर संबंधित आईओ पर निलंबन की भी कार्रवाई हो सकती है.

लापरवाह आईओ नपेंगे

बता दें कि किसी भी केस के अनुसंधान में आईओ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है. थाने का आईओ अगर सही समय पर अनुसंधान कर केस को फाइनल करता है तो समय पर पीड़ित को न्याय मिल पाता है, लेकिन रांची में केवल ग्रामीण थानों के ही 76 आईओ कांडों के अनुसंधान को लेकर लापरवाह पाए गए हैं. मामले को लेकर रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल ने रांची के ग्रामीण थानों में पोस्टेड 72 आईओ को शो-कॉज किया है. एसपी ने संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को दो दिन के अंदर शो-कॉज का जवाब देने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल. (वीडियो-ईटीवी भारत)

क्या है शो-कॉज में

रांची के ग्रामीण एसपी के द्वारा जारी किए गए शो-कॉज में सभी 72 आईओ को यह लिखा गया है कि डीएसपी स्तर के अधिकारियों के द्वारा मासिक दैनिक प्रतिवेदन के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि आप सभी के द्वारा विगत पांच माह में एक भी कांड का निष्पादन नहीं किया गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा कांडों के अनुसंधान और निष्पादन में रुचि नहीं ली जा रही है.

क्राइम मीटिंग में दिए गए निर्देशों का भी उचित पालन नहीं हो रहा है. इस तरह की लापरवाही मनमाना रवैया और एक अयोग्य पदाधिकारी होने का सूचक है. ऐसे में दो दिनों के भीतर आप अपना स्पष्टीकरण देकर यह बताएं कि कांडों के अनुसंधान में क्यों लापरवाही बरती गई है. साथ ही शो-कॉज में यह भी लिखा गया है कि अगर समय अवधि तक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो सभी 72 आईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी.

अनुसंधान पूरा नहीं होने से न्याय मिलने होती है देरी

रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि अगर आईओ सही समय पर अनुसंधान को पूरा नहीं करते हैं तो पीड़ित को सही समय पर न्याय नहीं मिल पाता है. यही वजह है कि सभी आईओ के कार्यों की समीक्षा की जा रही है. जिसमें यह देखा जा रहा कि आईओ के द्वारा कितनी केस डायरी को जमा किया गया, कितने केस का डिस्पोजल किया गया है. लापरवाही में लिप्त पाए जाने वाले आईओ से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

पलामू के रेहला थाना प्रभारी निलंबित, महिला से पैसे लेने और धमकाने का आरोप - police station incharge suspended - POLICE STATION INCHARGE SUSPENDED

छापेमारी में अवैध कोयला के साथ ट्रैक्टर और जेसीबी जब्त, मांडू थाना प्रभारी को एसपी ने किया निलंबित - Mandu station incharge suspended

एक्शन में रांची डीसी! अंचलाधिकारी को शो-कॉज, वेतन रोकने का दिया निर्देश - RANCHI DC

रांचीः राजधानी के ग्रामीण थानों में पदस्थापित 72 आईओ (इंवेस्टीगेटिंग ऑफिसर) को रूरल एसपी ने शो-कॉज किया है. इसकी वजह पिछले 5 महीने से कांडों के निष्पादन में पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा बरती गई लापरवाही है. ग्रामीण एसपी ने पुलिस पदाधिकारियों को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. उचित जवाब नहीं मिलने पर संबंधित आईओ पर निलंबन की भी कार्रवाई हो सकती है.

लापरवाह आईओ नपेंगे

बता दें कि किसी भी केस के अनुसंधान में आईओ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है. थाने का आईओ अगर सही समय पर अनुसंधान कर केस को फाइनल करता है तो समय पर पीड़ित को न्याय मिल पाता है, लेकिन रांची में केवल ग्रामीण थानों के ही 76 आईओ कांडों के अनुसंधान को लेकर लापरवाह पाए गए हैं. मामले को लेकर रांची के ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल ने रांची के ग्रामीण थानों में पोस्टेड 72 आईओ को शो-कॉज किया है. एसपी ने संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को दो दिन के अंदर शो-कॉज का जवाब देने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल. (वीडियो-ईटीवी भारत)

क्या है शो-कॉज में

रांची के ग्रामीण एसपी के द्वारा जारी किए गए शो-कॉज में सभी 72 आईओ को यह लिखा गया है कि डीएसपी स्तर के अधिकारियों के द्वारा मासिक दैनिक प्रतिवेदन के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि आप सभी के द्वारा विगत पांच माह में एक भी कांड का निष्पादन नहीं किया गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा कांडों के अनुसंधान और निष्पादन में रुचि नहीं ली जा रही है.

क्राइम मीटिंग में दिए गए निर्देशों का भी उचित पालन नहीं हो रहा है. इस तरह की लापरवाही मनमाना रवैया और एक अयोग्य पदाधिकारी होने का सूचक है. ऐसे में दो दिनों के भीतर आप अपना स्पष्टीकरण देकर यह बताएं कि कांडों के अनुसंधान में क्यों लापरवाही बरती गई है. साथ ही शो-कॉज में यह भी लिखा गया है कि अगर समय अवधि तक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है तो सभी 72 आईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी.

अनुसंधान पूरा नहीं होने से न्याय मिलने होती है देरी

रांची के ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि अगर आईओ सही समय पर अनुसंधान को पूरा नहीं करते हैं तो पीड़ित को सही समय पर न्याय नहीं मिल पाता है. यही वजह है कि सभी आईओ के कार्यों की समीक्षा की जा रही है. जिसमें यह देखा जा रहा कि आईओ के द्वारा कितनी केस डायरी को जमा किया गया, कितने केस का डिस्पोजल किया गया है. लापरवाही में लिप्त पाए जाने वाले आईओ से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

पलामू के रेहला थाना प्रभारी निलंबित, महिला से पैसे लेने और धमकाने का आरोप - police station incharge suspended - POLICE STATION INCHARGE SUSPENDED

छापेमारी में अवैध कोयला के साथ ट्रैक्टर और जेसीबी जब्त, मांडू थाना प्रभारी को एसपी ने किया निलंबित - Mandu station incharge suspended

एक्शन में रांची डीसी! अंचलाधिकारी को शो-कॉज, वेतन रोकने का दिया निर्देश - RANCHI DC

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.