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9 साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री को कोर्ट ने किया बरी, अदालत के फैसले के बाद योगेंद्र साव ने भाजपा पर लगाये कई आरोप - Court acquitted Yogendra Sao - COURT ACQUITTED YOGENDRA SAO

Ranchi Civil Court acquitted former minister. रांची सिविल कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को बरी कर दिया है. 2015 में विस्थापित आंदोलन से जुड़े एक मामले में अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व मंत्री समेत अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया.

Ranchi Civil Court acquitted former minister Yogendra Sao in 2015 case of displaced movement
नौ साल पुराने विस्थापित आंदोलन के मामले में रांची सिविल कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को आरोपों से मुक्त कर दिया है
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 26, 2024, 5:10 PM IST

रांची: भूमि अधिग्रहण के दौरान आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को रांची सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. वर्ष 2015 में चतरा जिला के टंडवा में योगेंद्र साव और उनके करीबियों पर केस किया गया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाला है. शिकायत में कहा गया था कि विकास कार्य के लिए जब जमीन अधिग्रहण किया जा रहा था तो पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सरकारी कर्मचारियों को काम करने से रोका था.

वर्ष 2015 में चतरा के टंडवा में सीसीएल के आम्रपाली परियोजना के विस्थापितों के द्वारा आंदोलन किया गया था. जिसका नेतृत्व पूर्व मंत्री योगेंद्र साव कर रहे थे. इस आंदोलन के दौरान पुलिस और आंदोलनकारी के बीच काफी संघर्ष भी हुआ था. वर्ष 2015 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रांची सिविल कोर्ट के न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में इसकी सुनवाई हुई. लेकिन सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से एक भी गवाह पेश नहीं किया जा सका. जिसको लेकर सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में शुक्रवार को बरी कर दिया.

रांची सिविल कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि तत्कालीन रघुवर सरकार ने दुर्भावना के भाव से उनके और उनके सहयोगियों के ऊपर मुकदमा दायर किया था. जिस मुकदमे में आज उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है और न्यायाधीश के फैसले को सुनने के बाद अब जनता भी समझने लगी है कि भारतीय जनता पार्टी उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए हैं, वो सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं.

बता दें कि कांग्रेस नेता योगेंद्र साव पर कई मामले दर्ज हैं. जिसको लेकर विपक्षी दलों ने भी उनके ऊपर सवाल उठाया था. योगेंद्र साव कांग्रेस के पूर्व विधायक रह चुके हैं. साथ ही झारखंड सरकार में कृषि मंत्री का भी पदभार भी वो संभाल चुके हैं. वर्तमान में हजारीबाग के बरकाकाना क्षेत्र से उनकी पुत्री अंबा प्रसाद कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं. इससे पहले उनकी पत्नी निर्मला देवी भी विधायक रह चुकी हैं.

रांची: भूमि अधिग्रहण के दौरान आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को रांची सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. वर्ष 2015 में चतरा जिला के टंडवा में योगेंद्र साव और उनके करीबियों पर केस किया गया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाला है. शिकायत में कहा गया था कि विकास कार्य के लिए जब जमीन अधिग्रहण किया जा रहा था तो पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सरकारी कर्मचारियों को काम करने से रोका था.

वर्ष 2015 में चतरा के टंडवा में सीसीएल के आम्रपाली परियोजना के विस्थापितों के द्वारा आंदोलन किया गया था. जिसका नेतृत्व पूर्व मंत्री योगेंद्र साव कर रहे थे. इस आंदोलन के दौरान पुलिस और आंदोलनकारी के बीच काफी संघर्ष भी हुआ था. वर्ष 2015 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रांची सिविल कोर्ट के न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में इसकी सुनवाई हुई. लेकिन सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से एक भी गवाह पेश नहीं किया जा सका. जिसको लेकर सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में शुक्रवार को बरी कर दिया.

रांची सिविल कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि तत्कालीन रघुवर सरकार ने दुर्भावना के भाव से उनके और उनके सहयोगियों के ऊपर मुकदमा दायर किया था. जिस मुकदमे में आज उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है और न्यायाधीश के फैसले को सुनने के बाद अब जनता भी समझने लगी है कि भारतीय जनता पार्टी उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए हैं, वो सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं.

बता दें कि कांग्रेस नेता योगेंद्र साव पर कई मामले दर्ज हैं. जिसको लेकर विपक्षी दलों ने भी उनके ऊपर सवाल उठाया था. योगेंद्र साव कांग्रेस के पूर्व विधायक रह चुके हैं. साथ ही झारखंड सरकार में कृषि मंत्री का भी पदभार भी वो संभाल चुके हैं. वर्तमान में हजारीबाग के बरकाकाना क्षेत्र से उनकी पुत्री अंबा प्रसाद कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं. इससे पहले उनकी पत्नी निर्मला देवी भी विधायक रह चुकी हैं.

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