शिमला: कांग्रेस ने चुनाव पूर्व बेशक सरकारी सेक्टर में पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया हो, लेकिन हकीकत में तस्वीर अलग है. रिटायर्ड आईएएस रामसुभग सिंह को फिर से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया है. उन्हें अन्य सुविधाओं सहित डेढ़ लाख रुपए मासिक फिक्स अमाउंट मानदेय के रूप में मिलेगा. इस बारे में राज्य सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य सरकार ने 1987 बैच के इस रिटायर्ड आईएएस अफसर को दो साल का कार्यकाल विस्तार दिया है. उनकी नियुक्ति पहली अगस्त से प्रभावी मानी जाएगी.
सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार रामसुभग सिंह को हर महीने डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे. इस रकम पर कोई डीए नहीं दिया जाएगा. उन्हें सरकारी आवास दिया जा सकता है. सेवानिवृति के समय उन्हें जो टीए-डीए मिलता था, उसके लिए वो पात्र होंगे. एक महीने के कार्यकाल के बाद उन्हें एक अवकाश देय होगा. उन्हें एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी के तौर पर मिलने वाली मेडिकल रीइंबर्समेंट पहले की तरह मिलती रहेगी. अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति दो साल के लिए होगी, लेकिन यदि सरकार चाहे तो उस अवधि से पहले भी सेवाएं समाप्त कर सकती है.
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उल्लेखनीय है कि रामसुभग सिंह मुख्य सचिव रहे हैं. रामसुभग सिंह को वर्ष 2023 में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रधान सलाहकार (ऊर्जा) बनाया गया था. ये जुलाई की बात है. फिर जुलाई में उन्हें एक साल का विस्तार दिया गया और अब उसे दो साल का किया गया है. यहां बता दें कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो उसने कुछ मामलों में तत्कालीन जयराम सरकार को इन्हीं आईएएस के खिलाफ घेरा था. अब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तो रामसुभग सिंह को लगातार कार्यकाल विस्तार दिया जा रहा है.
जयराम सरकार के कार्यकाल में रामसुभग सिंह मुख्य सचिव बनाए गए थे. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद रामसुभग सिंह को 31 दिसंबर 2022 को सीएम के विशेष मुख्य सचिव के पद पर तैनाती दी गई. साथ ही वे बिजली बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए थे. वे 2 अगस्त 2021 को जयराम सरकार में सीएस बने थे और 14 जुलाई 2022 को जयराम सरकार ने उन्हें सीएस से हटाकर आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाया था. खैर, अब वे फिर से दो साल का विस्तार पा गए हैं.
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