रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे मोहम्मद आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के रामपुर पब्लिक स्कूल के लीज मामले में राहत नहीं दी है. उच्चतम न्यायालय ने लीज पर दिए गए मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान के सरकारी भवन मामले में भाजपा कैबिनेट के फैसले पर सुनाए गए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
इस मामले के शिकायतकर्ता रामपुर नगर विधायक व भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने बताया कि 2019 में इसकी शिकायत की गई थी. आजम ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते हुए मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग को पहले अपने नाम कराया. इसके बाद सरकारी बिल्डिंग को सरकारी बजट से विकसित किया गया था.
तत्कालीन डीएम अनंजनेय सिंह की रिपोर्ट के आधार पर मई 2023 में उसकी लीज को कैबिनेट के द्वारा कैंसिल किया गया. इसके बाद इस आर्डर के अगेंस्ट आजम कान हाई कोर्ट गए. मार्च 2024 में हाईकोर्ट ने कैबिनेट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शरण ली. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में याचिका खारिज कर दी. साथ ही उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप टिप्पणी की है कि आजम ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते हुए उसी विभाग की जमीन को स्वयं के नाम लीज कराई और व्यक्तिगत काम के लिए इस्तेमाल किया. आकाश सक्सेना ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के आधार पर इस बिल्डिंग को सरकार में निहित किया जाए.
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