रामपुरः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को कोर्ट से राहत मिली है. विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आजम खान को बरी कर दिया है. आरोप था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी आजम खान ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपनी कार राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बनाए गए मतदान केंद्र के अंदर लेकर गए थे. जबकि नियम है कि मतदान बूथ से 200 मीटर दूर अपने वाहन मतदाता छोड़कर बूथ के अंदर जाएगा. तत्कालीन एसडीएम पीपी तिवारी ने 24 अप्रैल 2019 को आजम खान के खिलाफ थाना गंज में मुकदमा दर्ज कराया था. इसी मामले में कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है.
आजम खान के वकील मोहम्मद मुरसलीन ने बताया कि 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन एसडीएम पीपीतिवारी के द्वारा एक एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया था कि मोहम्मद आजम खानवोटिंग कैंपस के अंदर अपनी गाड़ी लेकर आए थे. इस केस में चार्जशीट दाखिल हुई और एक एनसीआर कायम हुई थी. चार्जशीट होने के बाद में कोर्ट में ट्रायल चला. जिसमें 5 गवाह पेश हुए. प्रॉसीक्यूशन आरोप साबित करने में बिल्कुल फेल रहा. कोर्ट ने झूठा मुकदमा पाते हुए आजम खान को बरी कर दिया है.
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