अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को एक महा उत्सव के दौरान प्रभु श्री राम के नवीन नूतन विग्रह को राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान कर दिया गया. तमाम प्रतिबंधों को धता बताते हुए लाखों राम भक्त अयोध्या पहुंच गए हैं और दर्शन करने के लिए मंदिर के बाहर कड़ाके की ठंड में इंतजार कर रहे हैं. वैसे तो प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य उत्सव 22 जनवरी को था. लेकिन, असल कहे तो अयोध्या में आनंद और उल्लास तो अब शुरू हुआ है. जब देश के कोने-कोने से अलग-अलग भाषा, रंग और वेशभूषा से जुड़े हुए राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में अयोध्या में भी अब अनवरत रूप से सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की एक लंबी लिस्ट बन गई है.
अयोध्या के प्रसिद्ध संगत ऋषि आश्रम उदासीन अखाड़ा में 25 जनवरी से 31 जनवरी तक मशहूर कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी महाराज द्वारा जहां प्रतिदिन श्रीमद्भागवत कथा का वचन होगा. वहीं, 6 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में प्रतिदिन देश के मशहूर कलाकारों की प्रस्तुति भी होगी. प्रतिदिन भजन संध्या में अलग-अलग कलाकारों के कार्यक्रम प्रस्तावित हैं. इसमें मशहूर बॉलीवुड सिंगर बी प्राक 25 जनवरी को भजनों की प्रस्तुति देंगे. वहीं, 26 जनवरी को मीरा संध्या का कार्यक्रम तेजस्विनी शर्मा द्वारा प्रस्तावित है. 27 जनवरी को निमाई पाठशाला द्वारा हरि के हरि भाव प्रस्तुति की जाएगी. वहीं, ब्रज की रहने वाली ब्रज रत्न वंदना श्री द्वारा संगीतमय कृष्ण लीला मंचन किया जाएगा. आयोजन की कड़ी में 29 जनवरी को पद्मभूषण से सम्मानित साजन मिश्रा द्वारा राग सेवा प्रस्तुत की जाएगी. वहीं, 30 जनवरी को पद्मश्री मालिनी अवस्थी भगवान श्री राम के चरणों में अपनी स्वरांजलि प्रस्तुत करेंगी. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे.
प्रख्यात कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने बताया कि प्रभु श्री राम के नवीन भवन में आगमन के साथ अयोध्या में उत्सव शुरू हो गया है और यह उत्सव तो अनवरत चलता रहेगा. यथार्थ रूप में अयोध्या में इस समय मौजूद हर व्यक्ति देव स्वरूप है. जिसे इस पावन पुनीत अवसर में शामिल होने का मौका मिला है. कुछ लोग भगवान के भवन को अपूर्ण होने की और तिथि मुहूर्त को लेकर सवाल उठा रहे हैं. जबकि सत्य यही है कि भगवान के मंदिर का निर्माण कभी पूरा माना ही नहीं जा सकता. हमेशा कोई ना कोई भक्त भगवान को समर्पित श्रद्धा में कुछ ना कुछ अर्पण करता है और निर्माण कार्य चलता ही रहता है. वहीं, जब प्रभु श्री राम स्वयं पधार रहे हैं तो सारे ग्रह नक्षत्र उनके अधीन हैं, उनके आने पर सबका मंगल होता है.
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