अयोध्या : प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर परिसर में 48 दिवसीय मंडल उत्सव के अंतिम दिन 10 मार्च को भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा. जिसमें 1100 तांबे के कलश में सरयू का जल लेकर एक विशेष अनुष्ठान किया जाएगा और रामलला का जलाभिषेक कराया जाएगा. वहीं, दूसरी तरफ कुछ विशेष फूलों का हार पहनाया जाएगा, जिसके लिए कर्नाटक से मोती, गुलाब, कमल और सुपारी का फूल मंगाया गया है.
मंदिर परिसर में भव्य उत्सव का आयोजन : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य ने बताया कि रामलला के गर्भ ग्रह में विराजमान होने से पूर्व जिस उत्सव मूर्ति की पूजा हुई थी, उसको इन दिनों पालकी पर विराजित कर छत्र चंवर और ढोल नगाड़ों की मधुरिम ध्वनि में मंदिर की परिक्रमा करवाई जा रही है. यह उत्सव आने वाले 10 तारीख तक लगातार चलेगा और अंतिम दिन मंदिर परिसर में भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 1100 तांबे के कलश में सरयू का जल लेकर एक विशेष अनुष्ठान किया जाएगा.
कर्नाटक से आये यजमान कर रहे हैं अनुष्ठान : स्वामी विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य ने बताया कि 48 दिवसीय मंडल उत्सव में प्रतिदिन देश के अलग-अलग क्षेत्र से राम भक्त इस उत्सव में शामिल हुए हैं. कलश स्थापना के बाद विशेष अनुष्ठान में मुख्य यजमान के रूप में शामिल हो रहे हैं. बृहस्पतिवार को कर्नाटक से आये यजमान अनुष्ठान कर रहे हैं. अनुष्ठान प्रतिदिन की तरह सुबह रामलला की मंगला आरती और परिसर भ्रमण के साथ प्रारंभ हुआ तो वहीं, देर शाम अनुष्ठान की पूर्ण आहुति यज्ञ मंडप में वैदिक आचार्य के द्वारा संपन्न कराया गया.
यह भी पढ़ें : दिल्ली और पंजाब के सीएम ने किए रामलला के दर्शन, बोले- अयोध्या आकर अच्छा लगा