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अरे ओ सांभा! इस बार किसका होगा 'रामगढ़' ... RJD की बादशाहत रहेगी कायम या PK बिगाड़ेंगे खेल

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है. आरजेडी के दूसरे सबसे बड़े नेता जगदानंद सिंह की साख दांव पर है.

BIHAR ASSEMBLY BY ELECTION
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 26, 2024, 7:27 PM IST

पटना: शोले फिल्म में रामगढ़ गांव का नाम आपने कई बार सुना होगा. ऐसे में आज हम आपको बिहार के कैमूर की रामगढ़ सीट के बारे में बताने जा रहे हैं. यह शोले फिल्म का रामगढ़ नहीं है, लेकिन हाईप्रोफाइल सीट जरूर है. छह बार के विधायक रहे जगदानंद सिंह ने ने अपने पुत्र अजीत कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी की उपस्थिति से रामगढ़ में मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है.

रामगढ़ सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. जगदानंद सिंह ने अपने पुत्र अजीत सिंह को मैदान में उतारा है. मुकाबले में भाजपा की ओर से उनकी ही जाति के अशोक सिंह मैदान में हैं तो प्रशांत किशोर ने कुशवाहा जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है. बहुजन ने यादव उम्मीदवार को मैदान में उतारकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है.

रामगढ़ सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला (ETV Bharat)

जगदानंद सिंह ने छह बार किया प्रतिनिधित्व: रामगढ़ विधानसभा सीट जगदानंद सिंह के नाम से जाना जाता है और जगदानंद सिंह ने रामगढ़ में कई विकास के कार्य किए. जगदानंद सिंह रामगढ़ विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे. 2020 के चुनाव में जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह चुनाव जीते. हालांकि मतों का अंतर काफी कम था. 2015 का चुनाव अगर छोड़ दें तो रामगढ़ सीट पर जगदानंद सिंह परिवार का कब्जा रहा है. 2015 के चुनाव में भाजपा के अशोक सिंह विधायक बने थे.

"लालू प्रसाद यादव के नाम और तेजस्वी यादव के काम की बदौलत हम रामगढ़ जीतने में कामयाब होंगे. हमारे प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने उस इलाके के लिए बहुत काम किया है. अजीत सिंह भी लगातार क्षेत्र में काम करते रहे हैं और वहां से राजद उम्मीदवार की जीत तय है."- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

दो राजपूत उम्मीदवार मैदान में: रामगढ़ विधानसभा सीट हॉट सीट बन चुका है. तमाम राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. इस बार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की मौजूदगी ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. प्रशांत किशोर ने कुशवाहा जाति के उम्मीदवार सुशील कुशवाहा को मैदान में उतारा है. बहुजन समाज पार्टी की ओर से अंबिका यादव के भतीजे पिंटू यादव मैदान में हैं तो भाजपा ने अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाया है. जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह भी मुकाबला के लिए तैयार हैं. अशोक सिंह और अजीत सिंह दोनों राजपूत जाति से आते हैं.

"हमारी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक अशोक सिंह वहां सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं. चुनाव हारने के बाद भी वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे. जगदानंद सिंह ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया है, लेकिन हमारे उम्मीदवार पर ऐसी कोई बात लागू नहीं होती है. हमारे प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे."- पंकज सिंह, भाजपा प्रवक्ता

BIHAR ASSEMBLY BY ELECTION
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता: इस सीट पर कुल वोटर 2.70 लाख हैं. जिसमे कि पुरुष वोटर 1.41 लाख (52.36%) और महिला वोटर 1.27 लाख (47.26%) हैं. जबकि ट्रांसजेंडर वोटरः 2 (0.001%) हैं. अनुसूचित जाति की आबादी 65000-23% है.

जातिगत समीकरण: जातिगत समीकरण के अगर बात कर ले तो रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी राजपूत वोटर की है.राजपूत वोटर की संख्या 59543 -21% है. भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल दोनों की नजर राजपूत मतदाताओं पर है. दूसरे स्थान पर मुस्लिम मतदाता है जिनकी संख्या 23761-8.5% है.

यादव मतदाता भी है निर्णायक: तीसरे स्थान पर यादव मतदाताओं की संख्या है और यादव वोट पर बहुजन समाजवादी पार्टी के पिंटू यादव और राष्ट्रीय जनता दल दोनों की नजर है. वोटों में बिखराव के आसार भी हैं. यादव वोटर 19009 अर्थात 6-8% के आसपास हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी दूसरे स्थान पर थी.

पीके ने कुशवाहा उम्मीदवार पर लगाया दांव: चौथे स्थान पर कुशवाहा वोटर हैं और कुशवाहा वोटर भी निर्णायक साबित होते हैं. कुशवाहा वोटर की संख्या 18000-6% है. प्रशांत किशोर ने सुशील कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है और कुशवाहा वोट बैंक को प्रशांत किशोर साधना चाहते हैं. कुशवाहा वोट पर दावा एनडीए का भी है. लव कुश वोट बैंक पर एनडीए अपना वाजिब हक मानती है.

वोटों का हो सकता है बंटवारा: इसके अलावा रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में साह 11461 (4.1%), ब्राह्मण 17268 (5.6%), भूमिहार 6988 (2.5%), लोहार 6149(-2.2%), गुप्ता, 5870 (2.1%), पासी 4193 (1.5%), खरवार, 3354 (1.2%) मतदाता हैं. ब्राह्मण और भूमिहार मतदाताओं की अगर बात कर लें तो यह वोट एनडीए के पक्ष में जाने के आसार हैं. बाकी वोटों में बंटवारा होना तय माना जा रहा है.

जन सुराज का दावा: पहली बार चुनाव में दो-दो हाथ कर रहे जन सुराज पार्टी के प्रवक्ता संजय ठाकुर ने कहा है कि रामगढ़ विधानसभा सीट पर हमने मजबूत उम्मीदवार खड़ा किया है और लोकसभा चुनाव के दौरान भी सुशील कुशवाहा ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. रामगढ़ विधानसभा सीट पर हमें सभी जाति धर्म का समर्थन मिल रहा है और हमारे उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब होंगे.

"रामगढ़ का मुकाबला बेहद दिलचस्प है. इस बार प्रशांत किशोर की मौजूदगी से चतुष्कोणीय मुकाबला दिख रहा है. कोई भी दल किसी वोट बैंक पर अपना दावा नहीं कर सकता है. रामगढ़ विधानसभा सीट पर किसका राज होगा यह तो भविष्य के गर्व में है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल को सीट बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी."- संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक

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पटना: शोले फिल्म में रामगढ़ गांव का नाम आपने कई बार सुना होगा. ऐसे में आज हम आपको बिहार के कैमूर की रामगढ़ सीट के बारे में बताने जा रहे हैं. यह शोले फिल्म का रामगढ़ नहीं है, लेकिन हाईप्रोफाइल सीट जरूर है. छह बार के विधायक रहे जगदानंद सिंह ने ने अपने पुत्र अजीत कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी की उपस्थिति से रामगढ़ में मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है.

रामगढ़ सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. जगदानंद सिंह ने अपने पुत्र अजीत सिंह को मैदान में उतारा है. मुकाबले में भाजपा की ओर से उनकी ही जाति के अशोक सिंह मैदान में हैं तो प्रशांत किशोर ने कुशवाहा जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है. बहुजन ने यादव उम्मीदवार को मैदान में उतारकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है.

रामगढ़ सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला (ETV Bharat)

जगदानंद सिंह ने छह बार किया प्रतिनिधित्व: रामगढ़ विधानसभा सीट जगदानंद सिंह के नाम से जाना जाता है और जगदानंद सिंह ने रामगढ़ में कई विकास के कार्य किए. जगदानंद सिंह रामगढ़ विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे. 2020 के चुनाव में जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह चुनाव जीते. हालांकि मतों का अंतर काफी कम था. 2015 का चुनाव अगर छोड़ दें तो रामगढ़ सीट पर जगदानंद सिंह परिवार का कब्जा रहा है. 2015 के चुनाव में भाजपा के अशोक सिंह विधायक बने थे.

"लालू प्रसाद यादव के नाम और तेजस्वी यादव के काम की बदौलत हम रामगढ़ जीतने में कामयाब होंगे. हमारे प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने उस इलाके के लिए बहुत काम किया है. अजीत सिंह भी लगातार क्षेत्र में काम करते रहे हैं और वहां से राजद उम्मीदवार की जीत तय है."- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

दो राजपूत उम्मीदवार मैदान में: रामगढ़ विधानसभा सीट हॉट सीट बन चुका है. तमाम राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. इस बार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की मौजूदगी ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. प्रशांत किशोर ने कुशवाहा जाति के उम्मीदवार सुशील कुशवाहा को मैदान में उतारा है. बहुजन समाज पार्टी की ओर से अंबिका यादव के भतीजे पिंटू यादव मैदान में हैं तो भाजपा ने अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाया है. जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह भी मुकाबला के लिए तैयार हैं. अशोक सिंह और अजीत सिंह दोनों राजपूत जाति से आते हैं.

"हमारी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक अशोक सिंह वहां सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं. चुनाव हारने के बाद भी वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे. जगदानंद सिंह ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया है, लेकिन हमारे उम्मीदवार पर ऐसी कोई बात लागू नहीं होती है. हमारे प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे."- पंकज सिंह, भाजपा प्रवक्ता

BIHAR ASSEMBLY BY ELECTION
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता: इस सीट पर कुल वोटर 2.70 लाख हैं. जिसमे कि पुरुष वोटर 1.41 लाख (52.36%) और महिला वोटर 1.27 लाख (47.26%) हैं. जबकि ट्रांसजेंडर वोटरः 2 (0.001%) हैं. अनुसूचित जाति की आबादी 65000-23% है.

जातिगत समीकरण: जातिगत समीकरण के अगर बात कर ले तो रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी राजपूत वोटर की है.राजपूत वोटर की संख्या 59543 -21% है. भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल दोनों की नजर राजपूत मतदाताओं पर है. दूसरे स्थान पर मुस्लिम मतदाता है जिनकी संख्या 23761-8.5% है.

यादव मतदाता भी है निर्णायक: तीसरे स्थान पर यादव मतदाताओं की संख्या है और यादव वोट पर बहुजन समाजवादी पार्टी के पिंटू यादव और राष्ट्रीय जनता दल दोनों की नजर है. वोटों में बिखराव के आसार भी हैं. यादव वोटर 19009 अर्थात 6-8% के आसपास हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी दूसरे स्थान पर थी.

पीके ने कुशवाहा उम्मीदवार पर लगाया दांव: चौथे स्थान पर कुशवाहा वोटर हैं और कुशवाहा वोटर भी निर्णायक साबित होते हैं. कुशवाहा वोटर की संख्या 18000-6% है. प्रशांत किशोर ने सुशील कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है और कुशवाहा वोट बैंक को प्रशांत किशोर साधना चाहते हैं. कुशवाहा वोट पर दावा एनडीए का भी है. लव कुश वोट बैंक पर एनडीए अपना वाजिब हक मानती है.

वोटों का हो सकता है बंटवारा: इसके अलावा रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में साह 11461 (4.1%), ब्राह्मण 17268 (5.6%), भूमिहार 6988 (2.5%), लोहार 6149(-2.2%), गुप्ता, 5870 (2.1%), पासी 4193 (1.5%), खरवार, 3354 (1.2%) मतदाता हैं. ब्राह्मण और भूमिहार मतदाताओं की अगर बात कर लें तो यह वोट एनडीए के पक्ष में जाने के आसार हैं. बाकी वोटों में बंटवारा होना तय माना जा रहा है.

जन सुराज का दावा: पहली बार चुनाव में दो-दो हाथ कर रहे जन सुराज पार्टी के प्रवक्ता संजय ठाकुर ने कहा है कि रामगढ़ विधानसभा सीट पर हमने मजबूत उम्मीदवार खड़ा किया है और लोकसभा चुनाव के दौरान भी सुशील कुशवाहा ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. रामगढ़ विधानसभा सीट पर हमें सभी जाति धर्म का समर्थन मिल रहा है और हमारे उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब होंगे.

"रामगढ़ का मुकाबला बेहद दिलचस्प है. इस बार प्रशांत किशोर की मौजूदगी से चतुष्कोणीय मुकाबला दिख रहा है. कोई भी दल किसी वोट बैंक पर अपना दावा नहीं कर सकता है. रामगढ़ विधानसभा सीट पर किसका राज होगा यह तो भविष्य के गर्व में है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल को सीट बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी."- संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक

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