लखनऊ: लखनऊ में रमजान उल मुबारक का चांद दिख गया है. इस्लामिक सेंटर मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल ने रमजान के चांद की तस्दीक कर दी है. अब मंगलवार को पहला रोजा रखा जाएगा. ईदगाह इमाम मौलना खालिद रशीद, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास, इदारा ए शरइया फ़िरंगीमहल से मरकज़ी रूइयत ए हिलाल कमेटी फ़िरंगीमहल के अध्यक्ष मुफ़्ती अबुल इरफ़ान की ओर से भी एलान किया गया. जिसमें कहा गया कि, सोमवार को 29 शाबान 1444 हि तारीख़ 11 मार्च 2024 को इस्लामी नवां महीना रमजा़न उल मुबारक के चांद की तस्दीक हो गई है. अलविदा जुमा 5 अप्रैल को होगा. चांद दिखने के बाद राजधानी लखनऊ में मस्जिदों और घरों में रमजान को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि चांद नजर आने पर मस्जिदों में तरावीह का दौर शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में महिलाओं के लिए तरावीह को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं. रमजान अल्लाह की इबादत का महीना है. इसमें सभी को अल्लाह की इबादत करनी चाहिए और रोजा रखने चाहिए.
रमजान को लेकर पुराने लखनऊ शहर के अकबरी गेट, विक्टोरिया स्ट्रीट, कश्मीरी मोहल्ला, नक्खास, मौलवीगंज, वजीरगंज, गोलागंज जैसे इलाकों में देर शाम तक बाजार गुलजार हो रहे हैं. खासकर अकबरी गेट पर लोग काफी दूर-दूर से रात में आकर कुल्चे-नहारी, बिरयानी, कश्मीरी चाय का मजा लेने पहुंच रहे हैं. रमजान को देखते हुए पुराने लखनऊ के बाजारों में कारीगरों ने सेवई के लच्छे तैयार करना शुरु कर दिए हैं. रोजेदार सहरी में दूध-लच्छे खाना अधिक पसंद करते हैं. पुराने शहर के खदरा, हुसैनाबाद, अकबरी गेट, नक्खास, मौलवीगंज, काजमैन और कश्मीरी मोहल्ला आदि इलाके के बाजारों में लच्छे की दुकानें सज गई हैं
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