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माउंट एवरेस्ट फतह कर मनाली लौटी हिमाचल की बेटी, डेथ जोन की सुनाई आपबीती - Everester Rama Thakur

Everester Rama Thakur: 23 मई की सुबह माउंट एवरेस्ट को फतह कर हिमाचल प्रदेश के मनाली की रहने वाली रमा ठाकुर मंगलवार को घर लौट आई. इस अवसर पर लोगों ने उनका स्वागत किया.

Everester Rama Thakur
रमा ठाकुर का मनाली पहुंचने पर हुआ स्वागत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 5:54 PM IST

रमा ठाकुर, माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली महिला (ETV Bharat)

कल्लू: मनाली की रहने वाली पर्वतारोही रमा ठाकुर माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बाद मंगलवार को मनाली लौट आई हैं. मनाली पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने रमा ठाकुर का स्वागत कर उन्हें बधाई दी. रमा ठाकुर ने 23 मई की सुबह माउंट एवरेस्ट को फतह किया था.

डेथ जोन में सबमिट करना हुआ मुश्किल

पत्रकारों को जानकारी देते हुए पर्वतारोही रमा ठाकुर ने बताया माउंट एवरेस्ट फतह करने के दौरान उन्हें कई मुश्किलें पेश आईं. खासकर सबमिट के दौरान डेथ जोन में उन्हें रात गुजारने में काफी परेशानी हुई. उस ऊंचाई पर स्वास्थ्य सही नहीं रहता लेकिन हिम्मत व लग्न के साथ उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया. रमा ने बताया सबमिट के दौरान 4 से 5 दिन का समय बहुत कठिन रहा. इस दौरान उन्होंने वहां पर कई लोगों के शव देखे और सबमिट कर रहे लोगों को बड़ी मुश्किल में देखा. हालांकि कई बार उन्हें लगा कि शायद वह इस चुनौती को पूरा नहीं कर पाएंगी लेकिन मनाली के लोगों के प्यार को ध्यान में रखते हुए उन्होंने हिम्मत की और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया है.

रमा ठाकुर ने बताया कि अधिकतर महिलाएं 30 साल की उम्र तक ही पर्वतारोहण के क्षेत्र में कार्य करती हैं. उसके बाद इस क्षेत्र को छोड़ देती हैं लेकिन 30 साल के बाद भी महिलाएं ऊंची से ऊंची चोटी को फतह कर सकती हैं. वह महिलाओं को इस बारे में जागरूक करेंगी.

Everester Rama Thakur
माउंट एवरेस्ट पर रमा ठाकुर (ETV Bharat)

गौर रहे कि पर्वतारोही रमा ठाकुर पहले माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए नेपाल सरकार को रॉयल्टी के रूप में दी जाने वाली 23 लाख रुपये की रकम नहीं जुटा पाई थीं. इसके लिए उन्होंने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी मदद की गुहार लगाई थी और मनाली के समाजसेवियों ने भी उसकी मदद की.

रमा ठाकुर कई चोटियां कर चुकी हैं फतह

रमा ठाकुर ने इससे पहले साल 2007 में 17,353 फीट ऊंची फ्रेंडशिप पीक, साल 2011 में 22,280 फीट ऊंची लियो पुर्जाल को चढ़ते हुए 19,400 फीट की ऊंचाई तक पहुंचीं थीं. एक टीम लीडर के तौर पर साल 2019 में 20,050 फीट ऊंची युनाम पीक, साल 2021 में 13,780 फीट ऊंची चोटी खानपरी टिब्बा, साल 2022 में 19,688 फीट ऊंची चोटी देऊ टिब्बा और 2023 में 19,341 फीट ऊंची किलिमंजारो चोटी पर फतह की थी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल की इस लड़की ने फतह किया माउंट एवरेस्ट, प्रदेश सरकार ने दी बधाई

रमा ठाकुर, माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली महिला (ETV Bharat)

कल्लू: मनाली की रहने वाली पर्वतारोही रमा ठाकुर माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बाद मंगलवार को मनाली लौट आई हैं. मनाली पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने रमा ठाकुर का स्वागत कर उन्हें बधाई दी. रमा ठाकुर ने 23 मई की सुबह माउंट एवरेस्ट को फतह किया था.

डेथ जोन में सबमिट करना हुआ मुश्किल

पत्रकारों को जानकारी देते हुए पर्वतारोही रमा ठाकुर ने बताया माउंट एवरेस्ट फतह करने के दौरान उन्हें कई मुश्किलें पेश आईं. खासकर सबमिट के दौरान डेथ जोन में उन्हें रात गुजारने में काफी परेशानी हुई. उस ऊंचाई पर स्वास्थ्य सही नहीं रहता लेकिन हिम्मत व लग्न के साथ उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया. रमा ने बताया सबमिट के दौरान 4 से 5 दिन का समय बहुत कठिन रहा. इस दौरान उन्होंने वहां पर कई लोगों के शव देखे और सबमिट कर रहे लोगों को बड़ी मुश्किल में देखा. हालांकि कई बार उन्हें लगा कि शायद वह इस चुनौती को पूरा नहीं कर पाएंगी लेकिन मनाली के लोगों के प्यार को ध्यान में रखते हुए उन्होंने हिम्मत की और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया है.

रमा ठाकुर ने बताया कि अधिकतर महिलाएं 30 साल की उम्र तक ही पर्वतारोहण के क्षेत्र में कार्य करती हैं. उसके बाद इस क्षेत्र को छोड़ देती हैं लेकिन 30 साल के बाद भी महिलाएं ऊंची से ऊंची चोटी को फतह कर सकती हैं. वह महिलाओं को इस बारे में जागरूक करेंगी.

Everester Rama Thakur
माउंट एवरेस्ट पर रमा ठाकुर (ETV Bharat)

गौर रहे कि पर्वतारोही रमा ठाकुर पहले माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए नेपाल सरकार को रॉयल्टी के रूप में दी जाने वाली 23 लाख रुपये की रकम नहीं जुटा पाई थीं. इसके लिए उन्होंने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी मदद की गुहार लगाई थी और मनाली के समाजसेवियों ने भी उसकी मदद की.

रमा ठाकुर कई चोटियां कर चुकी हैं फतह

रमा ठाकुर ने इससे पहले साल 2007 में 17,353 फीट ऊंची फ्रेंडशिप पीक, साल 2011 में 22,280 फीट ऊंची लियो पुर्जाल को चढ़ते हुए 19,400 फीट की ऊंचाई तक पहुंचीं थीं. एक टीम लीडर के तौर पर साल 2019 में 20,050 फीट ऊंची युनाम पीक, साल 2021 में 13,780 फीट ऊंची चोटी खानपरी टिब्बा, साल 2022 में 19,688 फीट ऊंची चोटी देऊ टिब्बा और 2023 में 19,341 फीट ऊंची किलिमंजारो चोटी पर फतह की थी.

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