प्रयागराज: जहां एक ओर धर्म आस्था की नगरी संगम नगरी में अनेकों रंग है, लेकिन अगर करें दशहरे की बात तो इसका एक पुराना इतिहास रहा है. पूरे देश में दशहरा उत्सव के तहत रामलीला के मंचन के साथ-साथ भगवान राम की बारात और राम दल निकालने का सिलसिला शुरू हो गया है. शनिवार को पजावा रामलीला कमेटी की ओर से भव्यता के साथ राम बारात निकाली गई. सबसे आगे सुसज्जित आर्टिफिशियल ऐरावत हाथी पर विराजमान सीता माता प्रभु राम और लक्ष्मण, उसके पीछे भरत, शत्रुघ्न और सबसे पीछे अयोध्या नरेश राजा दशरथ थे.
भगवान के रथ को श्रद्धा भाव से खींचते हुए लोग श्रीराम की जय-जयकार करते चल रहे थे. रथ पर बैठे पुरोहित वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंगल कामना कर रहे थे. शाही अंदाज में निकली बारात में दस कलात्मक चौकियां लोगों को आकर्षित करती रहीं. जगह-जगह रथ को रोककर लोगों ने भगवान की आरती-पूजन किया.राम दरबार, विष्णु लोक, हनुमानजी, मां काली और राधा-कृष्ण की मोहक चौकियों पर लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे.
वही कमेटी के लोगों कहना है, कि इस बार ऐरावत सफेद छोटा हाथी सीता माता के लिए बनाया गया है. जिसकी लागत लगभग चार लाख है. यह सीता माता की इच्छा पर बनाया गया है, कि प्रभु श्री राम जब हाथी पर सवार होकर चल सकते हैं तो माता सीता क्यों नहीं. इसलिए, इसका निर्माण किया गया है, जो राम बारात की शोभा बढ़ा रहे थे.
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