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NDA में राज्यसभा की दूसरी सीट को लेकर जद्दोजहद, दिल्ली तक की लगा रहे दौड़, कतार में कई नामी चेहरे शामिल - Rajya Sabha

Rajya Sabha Seat In Bihar NDA: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बिहार की दो राज्यसभा सीटें रिक्त हुई हैं. दोनों पर एनडीए का कब्जा माना जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि जिसके पास बहुमत होती है राज्यसभा उपचुनाव में उसी की जीत होती है. इस लिस्ट में एक तरफ जहां उपेंद्र कुशवाहा का नाम तय हो चुका है, तो वहीं दूसरी सीट के लिए कई नेता दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं.

Rajya Sabha Seat In Bihar NDA
NDA में राज्यसभा की दूसरी सीट को लेकर जद्दोजहद जारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 11, 2024, 7:41 PM IST

पटना : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार में 2 राज्यसभा सीट खाली हुई गई. नवादा से विवेक ठाकुर और पाटलिपुत्र से मीसा भारती की जीत के बाद ये दोनों सीट खाली हुई है. ऐसे में विवेक ठाकुर की सीट से तो उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला ले लिया गया है. लेकिन मीसा भारती की सीट को अपने कब्जे में करने के लिए बीजेपी और जदयू दोनों पूरी कोशिश कर रही है.

लोकसभा चुनाव जीतने पर खाली हुई सीट: बिहार की दोनों राज्यसभा सीट की बात करें तो नवादा से विवेक ठाकुर के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से यह सीट खाली है. उनका 2 साल का कार्यकाल बाकि था. ऐसे में उनके बचे हुए कार्यकाल के लिए उपचुनाव होने है. जहां इस सीट पर भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. अगर विवेक ठाकुर की सीट पर उपेंद्र कुशवाहा जाते है तो इन्हें 2 साल का कार्यकाल मिलेगा.

लव-कुश वोट बैंक पर नजर: वहीं, दूसरी सीट को लेकर पार्टी का मंथन जारी है. भाजपा चाहती है कि दूसरी सीट पर भी उनका कब्जा हो. इसके लिए पार्टी के कुछ नेता आस लगाए बैठे हैं. लेकिन जदयू की नजर भी दूसरे सीट पर है. शायद इसलिए ही नीतीश कुमार ने पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को पार्टी में लाया है. साथ ही आते के साथ ही उन्हें राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया गया है. कयास लगाया जा रहा कि राज्यसभा सीट पर चर्चा करने के लिए ही मनीष वर्मा और कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा आज दिल्ली रवाना हुए हैं.

मनीष वर्मा जा सकते हैं राज्यसभा: वहीं, माना जा रहा है कि मनीष वर्मा को जदयू राज्यसभा भेज सकती है. भाजपा अगर मनीष वर्मा के नाम पर सहमत हुई तो दूसरी सीट जदयू के पक्ष में जा सकती है. दूसरी सीट मीसा भारती के चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है. इनका 4 साल का कार्यकाल बाकी था. इस सीट पर जिस भी नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा वह 4 साल के लिए राज्यसभा सदस्य रहेंगे.

भाजपा में भी है कई दावेदार: भाजपा के कोटे में अगर दूसरी सीट आ भी गई तो भाजपा के लिए फैसला लेना आसान नहीं होगा. भाजपा के कई नेता मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह चुनाव हार चुके है, लेकिन इन्हें भी राज्यसभा भेजें जाने की उम्मीद हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी दंभ भर रहे हैं. अश्वनी चौबे को बक्सर से टिकट नहीं दिया गया था, जिसके कारण वह नाराज चल रहे थे. राज्यसभा चुनाव में भी अश्विनी चौबे उम्मीद लगाए बैठे हैं.

ऋतुराज सिन्हा का भी नाम शामिल: इसके अलावा लिस्ट में ऋतुराज सिन्हा भी शामिल है. वह पटना साहिब सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान ऋतुराज सिन्हा को विवेक ठाकुर वाले सीट पर राज्यसभा भेजे जाने का आश्वासन मिला था. इसके अलावा पूर्व सांसद रमा देवी को भी लोकसभा चुनाव के दौरान निराश होना पड़ा था और उनकी सीट जदयू के खाते में चली गई थी.रामादेवी को भी राज्यसभा उपचुनाव से उम्मीद है. वहीं, राजपूत जाति की नाराजगी को लेकर भी भाजपा बड़ा फैसला ले सकती है. पार्टी किसी राजपूत जाति के नेता को राज्यसभा भेज सकती है.

"उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सहमति बनी है, लेकिन दूसरी सीट पर कौन जाएगा इसे लेकर निर्णय नहीं लिया गया है. एनडीए के नेता मिल बैठकर तय कर लेंगे उसके बाद उम्मीदवार को लेकर फैसला कर लिया जाएगा." - प्रेम रंजन पटेल, भाजपा नेता और चुनाव समिति के सदस्य

इसे भी पढ़े- काराकाट से चुनाव हारने वाले उपेंद्र कुशवाहा जाएंगे राज्यसभा, उम्मीदवारी पर NDA की हरी झंडी - Upendra Kushwaha

पटना : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार में 2 राज्यसभा सीट खाली हुई गई. नवादा से विवेक ठाकुर और पाटलिपुत्र से मीसा भारती की जीत के बाद ये दोनों सीट खाली हुई है. ऐसे में विवेक ठाकुर की सीट से तो उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला ले लिया गया है. लेकिन मीसा भारती की सीट को अपने कब्जे में करने के लिए बीजेपी और जदयू दोनों पूरी कोशिश कर रही है.

लोकसभा चुनाव जीतने पर खाली हुई सीट: बिहार की दोनों राज्यसभा सीट की बात करें तो नवादा से विवेक ठाकुर के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से यह सीट खाली है. उनका 2 साल का कार्यकाल बाकि था. ऐसे में उनके बचे हुए कार्यकाल के लिए उपचुनाव होने है. जहां इस सीट पर भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. अगर विवेक ठाकुर की सीट पर उपेंद्र कुशवाहा जाते है तो इन्हें 2 साल का कार्यकाल मिलेगा.

लव-कुश वोट बैंक पर नजर: वहीं, दूसरी सीट को लेकर पार्टी का मंथन जारी है. भाजपा चाहती है कि दूसरी सीट पर भी उनका कब्जा हो. इसके लिए पार्टी के कुछ नेता आस लगाए बैठे हैं. लेकिन जदयू की नजर भी दूसरे सीट पर है. शायद इसलिए ही नीतीश कुमार ने पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को पार्टी में लाया है. साथ ही आते के साथ ही उन्हें राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया गया है. कयास लगाया जा रहा कि राज्यसभा सीट पर चर्चा करने के लिए ही मनीष वर्मा और कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा आज दिल्ली रवाना हुए हैं.

मनीष वर्मा जा सकते हैं राज्यसभा: वहीं, माना जा रहा है कि मनीष वर्मा को जदयू राज्यसभा भेज सकती है. भाजपा अगर मनीष वर्मा के नाम पर सहमत हुई तो दूसरी सीट जदयू के पक्ष में जा सकती है. दूसरी सीट मीसा भारती के चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है. इनका 4 साल का कार्यकाल बाकी था. इस सीट पर जिस भी नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा वह 4 साल के लिए राज्यसभा सदस्य रहेंगे.

भाजपा में भी है कई दावेदार: भाजपा के कोटे में अगर दूसरी सीट आ भी गई तो भाजपा के लिए फैसला लेना आसान नहीं होगा. भाजपा के कई नेता मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह चुनाव हार चुके है, लेकिन इन्हें भी राज्यसभा भेजें जाने की उम्मीद हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी दंभ भर रहे हैं. अश्वनी चौबे को बक्सर से टिकट नहीं दिया गया था, जिसके कारण वह नाराज चल रहे थे. राज्यसभा चुनाव में भी अश्विनी चौबे उम्मीद लगाए बैठे हैं.

ऋतुराज सिन्हा का भी नाम शामिल: इसके अलावा लिस्ट में ऋतुराज सिन्हा भी शामिल है. वह पटना साहिब सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान ऋतुराज सिन्हा को विवेक ठाकुर वाले सीट पर राज्यसभा भेजे जाने का आश्वासन मिला था. इसके अलावा पूर्व सांसद रमा देवी को भी लोकसभा चुनाव के दौरान निराश होना पड़ा था और उनकी सीट जदयू के खाते में चली गई थी.रामादेवी को भी राज्यसभा उपचुनाव से उम्मीद है. वहीं, राजपूत जाति की नाराजगी को लेकर भी भाजपा बड़ा फैसला ले सकती है. पार्टी किसी राजपूत जाति के नेता को राज्यसभा भेज सकती है.

"उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सहमति बनी है, लेकिन दूसरी सीट पर कौन जाएगा इसे लेकर निर्णय नहीं लिया गया है. एनडीए के नेता मिल बैठकर तय कर लेंगे उसके बाद उम्मीदवार को लेकर फैसला कर लिया जाएगा." - प्रेम रंजन पटेल, भाजपा नेता और चुनाव समिति के सदस्य

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