नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से दाखिल मानहानि याचिका पर संज्ञान लिया है. एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने 4 अक्टूबर को राजीव चंद्रशेखर के बयान दर्ज करने का आदेश दिया.
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया मानहानि का मामला बनता है. इसलिए भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 171जी के तहत अपराध पर संज्ञान लिया जाता है. इस मामले में राजीव चंद्रशेखर ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 200 और भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 171जी के तहत दर्ज अर्जी दाखिल की थी.
राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कर आरोप लगाया है कि थरूर द्वारा राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर झूठे और अपमानजनक आरोप लगाकर शिकायतकर्ता को बदनाम करते हुए कहा था कि वे तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को रिश्वत दे रहे थे.
जानिए, क्या कहा गया है याचिका में?
याचिका में कहा गया था कि शशि थरूर ने यह अच्छी तरह से जानते हुए कि इस तरह के बयान झूठे थे और ऐसे बयान राजीव चंद्रशेखर की प्रतिष्ठा को कम करने वाले हैं , उन्होंने बयान दिया. याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर ने ऐसा चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से किया था.
याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर का यह साक्षात्कार विभिन्न समाचार चैनलों के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर थरूर के इशारे पर प्रकाशित किए गए थे. इसकी वजह से राजीव चंद्रशेखर की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ और वह चुनाव भी हार गए. बता दें कि इस लोकसभा चुनाव 2024 में शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम से राजीव चंद्रशेखर को हराकर जीत हासिल की थी.
ये भी पढ़ें-