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राजिम कुंभ में विराट संत समागम का शुभारंभ, देशभर के साधु संत शामिल - शंकराचार्य

RAJIM KUMBH 2024 राजिम कुंभ कल्प में विराट संत समागम शुरु हो गया है. खास बात यह है कि इसमें बद्रीनाथ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य शामिल हुए. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी दोनों शंकराचार्यों से मुलाकात की है. Rajim Kumbh kalp Mela

RAJIM KUMBH 2024
राजिम कुंभ कल्प मेला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 4, 2024, 9:57 AM IST

Updated : Mar 4, 2024, 1:56 PM IST

रायपुर: राजिम कुंभ कल्प में रविवार को विराट संत समागम का शुभारंभ हुआ. संत समागम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज और बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज शामिल हुए. देशभर के साधु संत भी राजिम कुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.

राजिम कुंभ में शंकराचार्य: संत समागम में दोनों शंकराचार्यों ने भगवान राजीव लोचन की पूजा की. शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज ने कहा, " राजिम कुंभ में विराट सनातन संस्कृति के दर्शन होते हैं. ऐसे आयोजनों से संस्कृति की रक्षा होती है. धर्म की रक्षा करनी है तो धर्म का पालन करें, धर्म की स्वयं रक्षा हो जाएगी. धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा हमें कुंभ से मिलती है.''

"राजिम का त्रिवेणी संगम पवित्र स्थल बना": बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा, "राजिम का त्रिवेणी संगम, आचार्य का समागम, अध्यात्मिक लाभ से पवित्र स्थल बन चुका है. कुंभ कल्प का मतलब कुंभ जैसा होना है. कुंभ कल्प बोलने से मान घटता नहीं है, बल्कि और बढ़ जाता है."

Shankaracharya blessed CM Vishnudeo Sai
शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री को दिया आशीर्वाद

शंकराचार्य से मिले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के शंकराचार्य आश्रम में दोनों शंकराचार्यों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया. इस दौरान शंकराचार्य ने कहा कि राजिम कुंभ के आयोजन से छत्तीसगढ़ में आध्यात्मिक वातावरण और उन्नत होगा. भगवान श्री राजीव लोचन जी और कुलेश्वर महादेव जी की पुण्य भूमि संगम नगरी राजिम में यह सुंदर आयोजन हो रहा है.

''राजिम कुंभ के माध्यम से संत समागम का उद्देश्य पूरा हो रहा है. इस कुंभ से सनातन परंपरा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी.'' - विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

शिवरात्रि तक राजिम कुंभ: राजिम कुंभ को 'राजिम पुन्नी मेला' के नाम से भी जाना जाता है. हर साल की तरह इस साल भी राजिम में कुंभ मेले का आयोजन किया गया है. 8 मार्च महाशिवरात्रि के दिन इस साल के राजिम कुंभ मेला का समापन होगा.

राजिम कुंभ मेला का महत्व: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का राजिम नगर में हर साल आयोजित होने वाला हिन्दू धार्मिक मेला है. राजिम कुंभ कल्प मेला में हर साल बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. राजिम पैरी, सोंढूर और महानदी का संगम स्थल भी है, जहां भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है. राजिम अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां कई पुरातात्विक स्थल भी हैं, जो लोगों को यहां आने के लिए आकर्षित करते हैं.

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रायपुर: राजिम कुंभ कल्प में रविवार को विराट संत समागम का शुभारंभ हुआ. संत समागम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज और बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज शामिल हुए. देशभर के साधु संत भी राजिम कुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.

राजिम कुंभ में शंकराचार्य: संत समागम में दोनों शंकराचार्यों ने भगवान राजीव लोचन की पूजा की. शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज ने कहा, " राजिम कुंभ में विराट सनातन संस्कृति के दर्शन होते हैं. ऐसे आयोजनों से संस्कृति की रक्षा होती है. धर्म की रक्षा करनी है तो धर्म का पालन करें, धर्म की स्वयं रक्षा हो जाएगी. धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा हमें कुंभ से मिलती है.''

"राजिम का त्रिवेणी संगम पवित्र स्थल बना": बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा, "राजिम का त्रिवेणी संगम, आचार्य का समागम, अध्यात्मिक लाभ से पवित्र स्थल बन चुका है. कुंभ कल्प का मतलब कुंभ जैसा होना है. कुंभ कल्प बोलने से मान घटता नहीं है, बल्कि और बढ़ जाता है."

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शंकराचार्य से मिले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के शंकराचार्य आश्रम में दोनों शंकराचार्यों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया. इस दौरान शंकराचार्य ने कहा कि राजिम कुंभ के आयोजन से छत्तीसगढ़ में आध्यात्मिक वातावरण और उन्नत होगा. भगवान श्री राजीव लोचन जी और कुलेश्वर महादेव जी की पुण्य भूमि संगम नगरी राजिम में यह सुंदर आयोजन हो रहा है.

''राजिम कुंभ के माध्यम से संत समागम का उद्देश्य पूरा हो रहा है. इस कुंभ से सनातन परंपरा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी.'' - विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

शिवरात्रि तक राजिम कुंभ: राजिम कुंभ को 'राजिम पुन्नी मेला' के नाम से भी जाना जाता है. हर साल की तरह इस साल भी राजिम में कुंभ मेले का आयोजन किया गया है. 8 मार्च महाशिवरात्रि के दिन इस साल के राजिम कुंभ मेला का समापन होगा.

राजिम कुंभ मेला का महत्व: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का राजिम नगर में हर साल आयोजित होने वाला हिन्दू धार्मिक मेला है. राजिम कुंभ कल्प मेला में हर साल बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. राजिम पैरी, सोंढूर और महानदी का संगम स्थल भी है, जहां भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है. राजिम अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां कई पुरातात्विक स्थल भी हैं, जो लोगों को यहां आने के लिए आकर्षित करते हैं.

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Last Updated : Mar 4, 2024, 1:56 PM IST
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