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राजगढ़ में एसएलयू पर घमासान, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दिग्विजय सिंह, जिला कलेक्टर ने दिया ये जवाब - SLU Controversy in Rajgarh - SLU CONTROVERSY IN RAJGARH

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में SLU गायब कराने का आरोप लगाकर दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जिसके जवाब में जिला निर्वाचन आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए सिंबल लोडिंग यूनिट को नियमानुसार लौटाने की बात कही है.

SLU CONTROVERSY IN RAJGARH
राजगढ़ में एसएलयू पर घमासान, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दिग्विजय सिंह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 3:37 PM IST

राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में SLU को लेकर घमासान जारी है. इसी मामले पर कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मशीन व चुनाव आयोग पर सवालिया निशान खड़े करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसके जवाब में जिला निर्वाचन आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि चुनाव के दौरान न्यायालय के आदेश व भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया गया है. उसमें किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती गई है.

कांग्रेस ने की अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

दिग्विजय सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया कि राजगढ़ की SLU क्यों गायब करा दी गई, जबकि गुना में सुरक्षित रखी गई है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि ''न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि SLU को 45 दिनों तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए, लेकिन मप्र निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर राजगढ़ के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. हमारे प्रत्याशी दिग्विजय सिंह स्ट्रॉग रूम का विजिट करने के लिए जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि एसएलयू स्ट्रॉग रूम से गायब है. एसएलयू को निर्वाचन आयोग कहीं और लेकर गया है. 29 लोकसभाओं में से सिर्फ राजगढ़ की एसएलयू ही को क्यों गायब की गई है. इस मामले को लेकर हम न्यायालय गए हैं और न्यायालय के संज्ञान में यह मामला लाया गया है. जिस तरह से मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहा है. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.''

राजगढ़ कलेक्टर ने रखा अपना पक्ष

इस मामले पर जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ''सिंबल लोडिंग यूनिट को नियमानुसार ही लौटा गया है. यहां कमीशनिंग का काम एक मई से पहले ही हो चुका था''. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को एक निर्देश में कहा था कि एक मई 2024 या इसके बाद कमीशनिंग का काम पूरा होने पर बीईएल के इंजीनियर के साथ प्राप्त हुई एसएलयू को एक अलग स्ट्रांग रूम में 45 दिनों तक रखा जाना है. साथ ही जहां कमीशनिंग का कार्य एक मई के पहले हो चुका है, वहां एसएलयू को मतदान के दूसरे दिन पुनः बीईएल के इंजीनियर को दे दिया जाए.

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चूंकि जिला राजगढ़ की पांचों विधानसभा खण्ड की कमिशनिंग व SLU का कार्य 1 मई से पहले पूरा हो गया था. इसलिए आयोग के निर्देशानुसार कुल 10 SLU को पुन: BEL से आए इंजीनियरों को मतदान के दूसरे दिन दे दिया गया. आपको बता दें कि गुना लोकसभा की एसएलयू कांग्रेस की अपत्ति के बाद नहीं लौटाई गई हैं और यहां की एसएलयू ट्रेजरी में सुरक्षित रखी गई है.

जानिए क्या है एसएलयू

सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को वीवीपैट के साथ ही शुरू किया गया था. वीवीपैट मतदाताओं को अपने मत को सत्यापित करने में मदद करता है, जहां उन्हें एक पर्ची दिखती है जिस पर उस पार्टी का चुनाव चिन्ह छपा होता है जिसके लिए मतदाता ने वोट दिया है. लेकिन वीवीपैट में सही ढंग से पार्टी का चिन्ह दिखाने के लिए उम्मीदवारों की सूची व संबंधित जानकारी को सही ढंग से वीवीपैट मशीन पर लोड किया जाना चाहिए.

यहीं पर सिंबल लोडिंग यूनिट यानि एसएलयू की भूमिका आती है. एसएलयू का उपयोग उम्मीदवारों के प्रतीकों को वीवीपैट पर लोड करने के लिए किया जाता है. यह एक माचिस के आकार का उपकरण है. जिसे पहले लैपटॉप या पर्सनल कंप्यूटर से जोड़ा जाता है, जहां से उम्मीदवारों के नाम, सीरियल नंबर और प्रतीकों वाली एक बिटमैप फ़ाइल लोड की जाती है. इसके बाद एसएलयू को वीवीपीएटी से जोड़ा जाता है ताकि उस फाइल को पेपर ऑडिट मशीन पर स्थानांतरित किया जा सके.

राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में SLU को लेकर घमासान जारी है. इसी मामले पर कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मशीन व चुनाव आयोग पर सवालिया निशान खड़े करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसके जवाब में जिला निर्वाचन आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि चुनाव के दौरान न्यायालय के आदेश व भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया गया है. उसमें किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती गई है.

कांग्रेस ने की अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

दिग्विजय सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया कि राजगढ़ की SLU क्यों गायब करा दी गई, जबकि गुना में सुरक्षित रखी गई है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि ''न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि SLU को 45 दिनों तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए, लेकिन मप्र निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर राजगढ़ के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. हमारे प्रत्याशी दिग्विजय सिंह स्ट्रॉग रूम का विजिट करने के लिए जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि एसएलयू स्ट्रॉग रूम से गायब है. एसएलयू को निर्वाचन आयोग कहीं और लेकर गया है. 29 लोकसभाओं में से सिर्फ राजगढ़ की एसएलयू ही को क्यों गायब की गई है. इस मामले को लेकर हम न्यायालय गए हैं और न्यायालय के संज्ञान में यह मामला लाया गया है. जिस तरह से मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहा है. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.''

राजगढ़ कलेक्टर ने रखा अपना पक्ष

इस मामले पर जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ''सिंबल लोडिंग यूनिट को नियमानुसार ही लौटा गया है. यहां कमीशनिंग का काम एक मई से पहले ही हो चुका था''. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को एक निर्देश में कहा था कि एक मई 2024 या इसके बाद कमीशनिंग का काम पूरा होने पर बीईएल के इंजीनियर के साथ प्राप्त हुई एसएलयू को एक अलग स्ट्रांग रूम में 45 दिनों तक रखा जाना है. साथ ही जहां कमीशनिंग का कार्य एक मई के पहले हो चुका है, वहां एसएलयू को मतदान के दूसरे दिन पुनः बीईएल के इंजीनियर को दे दिया जाए.

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चूंकि जिला राजगढ़ की पांचों विधानसभा खण्ड की कमिशनिंग व SLU का कार्य 1 मई से पहले पूरा हो गया था. इसलिए आयोग के निर्देशानुसार कुल 10 SLU को पुन: BEL से आए इंजीनियरों को मतदान के दूसरे दिन दे दिया गया. आपको बता दें कि गुना लोकसभा की एसएलयू कांग्रेस की अपत्ति के बाद नहीं लौटाई गई हैं और यहां की एसएलयू ट्रेजरी में सुरक्षित रखी गई है.

जानिए क्या है एसएलयू

सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को वीवीपैट के साथ ही शुरू किया गया था. वीवीपैट मतदाताओं को अपने मत को सत्यापित करने में मदद करता है, जहां उन्हें एक पर्ची दिखती है जिस पर उस पार्टी का चुनाव चिन्ह छपा होता है जिसके लिए मतदाता ने वोट दिया है. लेकिन वीवीपैट में सही ढंग से पार्टी का चिन्ह दिखाने के लिए उम्मीदवारों की सूची व संबंधित जानकारी को सही ढंग से वीवीपैट मशीन पर लोड किया जाना चाहिए.

यहीं पर सिंबल लोडिंग यूनिट यानि एसएलयू की भूमिका आती है. एसएलयू का उपयोग उम्मीदवारों के प्रतीकों को वीवीपैट पर लोड करने के लिए किया जाता है. यह एक माचिस के आकार का उपकरण है. जिसे पहले लैपटॉप या पर्सनल कंप्यूटर से जोड़ा जाता है, जहां से उम्मीदवारों के नाम, सीरियल नंबर और प्रतीकों वाली एक बिटमैप फ़ाइल लोड की जाती है. इसके बाद एसएलयू को वीवीपीएटी से जोड़ा जाता है ताकि उस फाइल को पेपर ऑडिट मशीन पर स्थानांतरित किया जा सके.

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