राजगढ़. यहां रहने वाले 55 वर्षीय शख्स ने लगभग 11 महीने पहले पैरों में होने वाली दर्द के लिए दवा लेना शुरु किया था पर उसने सोचा नहीं था कि ये दवा उसके लिए सजा बन जाएगे. दर्द की शिकायत के चलते इस शख्स ने राजगढ़ के आयुर्वेदिक अस्पताल में एक चिकित्सक को दिखाया था. डॉक्टर ने उसके पैर दर्द के उपचार के लिए दवाइयां लिखीं. पीड़ित ने आयुर्वेदिक दवाइयों को स्टोर से प्राप्त किया और पैर दर्द के इलाज के रूप में खाने लगा. इसके बाद जो हुआ वो हैरान करने वाला है.
प्राइवेट पार्ट में हुई समस्या, इलाज में खर्च होंगे 10 लाख
इस शख्स ने सीधा आरोप लगाया है कि आयुर्वेदिक दवाई में से एक दवाई से उसके गुप्तांग में परेशानी आ गई है. अपनी समस्या बताते हुए इस शख्स ने कहा कि इस दवा को चबाने से कंकड़ की तरह आवाज आती है और इसी के कारण उसके गुप्तांग में एक समस्या हो गई है. पीड़ित ने आगे कहा कि जब उसने गुप्तांग की समस्या के लिए भोपाल के एक डॉक्टर से चेकअप कराया तो उसने ऑपरेशन के लिए कहा है, जिसका खर्च दस लाख रु है. इससे पीड़ित होश उड़ गए.
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इस मामले को लेकर डॉक्टर ने कहा-
पीड़ित की परेशानी के संबंध में आयुष विभाग के जिला प्रभारी डॉक्टर आरएन गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा, '' मैं उन्हें पर्सनल जानता हूं, उनकी इस परेशानी के बारे में मुझे दूसरों से मालूम पड़ा है. लेकिन आपको बता दूं कि आयुर्वेदिक दवाइयां स्टोर से वितरित की जाती हैं और जो दवाई उन्हें दी गई थी वह कड़क होती है. इसलिए उन्हें ऐसा लगा होगा की इसमें कंकड़ है. वे मेरे पास नहीं आए. आप उन्हें हमारे पास भेज दें, उनकी जो भी समस्या है हम उसे दिखवाकर उन्हें उपचार और दवाई उपलब्ध कराएंगे.''