राजगढ़: किसानों को रही खाद की किल्लत के बीच एक युवा किसान का दावा है कि जो खाद मिल रही है वह अमानक है और इससे किसानों को नुकसान है. उसने इसके लिए खेत में एक प्रैक्टिकल भी करके बताया और फिर एक वीडियो बनाकर वायरल किया जिसमें वह दावा कर रहा है कि यह खाद पूरी तरह से अमानक है. इसमें रेत का मिश्रण है और कचरा भी है.
'खाद में रेत, कंकड़ और पत्थर'
वायरल वीडियो को लेकर किसान मनीष दांगी का कहना है कि "गेहूं की सिंचाई के लिए डीएपी खाद को हम लोग खेतों में डाल रहे थे. शुरुआत में मुझे उसमें लगा कि इसमें कंकर और पत्थर हैं. जिसमें से मैंने 2 किलो खाद का मौके पर ही प्रैक्टिकल करते हुए वीडियो बनाया. जिसमें 40 से 50 प्रतिशत रेत निकली. ये किसानो के साथ धोखा है."
'सभी को यही खाद बांटा गया'
किसान मनीष दांगी बताते हैं कि "पूरे जिले में खरीफ के सीजन में यही खाद आया था और यही किसानों को बांटा भी गया था. 40 बोरी के लगभग मेरे पास रखी हुई थी. खाद की अंतिम बोरी में से मैंने प्रैक्टिकल किया था और किसी को अगर प्रैक्टिकल और करना है तो वो भी कर सकता है. पड़ोसी के पास और बोरियां रखी हुई हैं. पूर्व में लिया गया यह खाद पूरी तरह से अमानक है और सरकार को चाहिए कि किसानों के इस खाद के पैसे सरकार माफ करे."
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'सैंपल लेकर कराएंगे परीक्षण'
इस मामले में राजगढ़ कृषि विभाग के उपसंचालक हरीश मालवीय का कहना है कि "चाटुखेड़ा सोसायटी से खाद की बोरियों के नमूने मंगवाएं जाएंगे और उसका परीक्षण किया जाएगा. यदि उसमें 48 प्रतिशत तत्व हुए तो वह ठीक है,लेकिन यदि इससे कम हुआ तो वह अमानक है. रही बात रेत की तो वो इसमें शामिल होती है."