राजगढ़। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से चली आ रही राजनीतिक उठापटक अभी समाप्त नहीं हुई है. ऐसे में कांग्रेस की सीईसी की बैठक में दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मुहर के बाद कांग्रेसी खेमे में एक बार फिर से उत्साह और उमंग की लहर नजर आ रही है. उन्हें यकीन भी है कि वे इस बार ज्यादा से ज्यादा सीटें लेकर आएंगे. उसी क्रम में गुरुवार को हुई कांग्रेस की सीईसी की बैठक में दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने का निर्णय कांग्रेस कमेटी ने किया है. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि देर रात भी सूची जारी नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेसियों को भनक लगते ही उन्होंने देर रात में ही आतिशबाजी करते हुए अपनी खुशी का इजहार करना शुरू कर दिया.
पूर्व विधायक ने की पुष्टि
जश्न मनाने वाले कांग्रेसियों में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक बापू सिंह तंवर भी शामिल थे. जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की पुष्टि की है. उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, ''आप लोगों के ही माध्यम से हमें यह सूचना लगी की पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना तय है और उनका टिकट फाइनल है, तो कार्यकर्ताओ में उत्साह और उमंग की लहर है. हम कांग्रेस कार्यालय में इकट्ठा होकर जश्न मना रहे हैं. निश्चित रूप से उत्साह दिख रहा है और हम यह चुनाव जीतेंगे.''
1984 से 1994 तक राजगढ़ के सांसद रहे दिग्विजय
गौरतलब है कि राजगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता रहा है, क्योंकि वे वर्ष 1984 से 1994 तक राजगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं. लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनका यह तिलिस्म टूटता हुआ नजर आया, क्योंकि राजगढ़ लोकसभा में लगने वाली 8 विधानसभाओं में से 6 पर भाजपा का कब्जा है जिसमे राजगढ़ जिले की 5 विधानसभा, नरसिंहगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर और सारंगपुर और गुना जिले की एक चाचौड़ा विधानसभा का नाम शामिल है. केवल गुना जिले की राघौगढ़ और आगर जिले की सुसनेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
भाजपा ने रोडमल नागर तीसरी बार बनाया प्रत्याशी
वहीं, वर्तमान सांसद व बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर तीसरी मर्तबा लोकसभा के चुनावी मैदान में हैं, जो की वर्ष 2014 में कांग्रेस के तत्कालीन सांसद नारायण सिंह आमलाबे और वर्ष 2019 में कांग्रेस की तत्कालीन लोकसभा की प्रत्याशी मोना सुस्तानि को हरा चुके हैं. हालांकि मोना सुस्तानी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, जो अब भाजपा के लिए वोट मांगती हुई नजर आएंगी.