पटना: पटना के ज्ञान भवन में रविवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती सप्ताह के मौके पर देश रत्न कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. यह आयोजन इंडिया पॉजिटिव संस्था की ओर से किया गया, जिसमें देश के अलग-अलग क्षेत्र के कई दिग्गजों ने हिस्सा लिया. पंचायत वेब सीरीज के अभिनेता अशोक पाठक, तेलुगु फिल्म एक्टर पंकज केसरी, भोजपुरी लोक गायिका देवी जैसी कई शख्सियत इस कॉन्क्लेव में शामिल हुए. स्टैचू आफ विजडम पर अपनी बातें रखी.
स्टैच्यू आफ विजडम बनाने की मांगः कॉन्क्लेव के संयोजक मनीष सिन्हा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की मौजूदगी में कहा कि देश की आजादी में डॉ राजेंद्र प्रसाद का काफी अहम योगदान रहा है. उनके अध्यक्षता में संविधान लिखी गई, लेकिन आज उन्हें ही भुला दिया गया है. उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद की जीवनी पर मरीन ड्राइव के किनारे कहीं अच्छी जगह एक केंद्र बनी चाहिए, जहां संविधान निर्माण के उनके प्रयास और आजादी में उनके योगदान लोग जान सकें. उन्होंने 234 फीट ऊंचे स्टैच्यू आफ विजडम बनाने की मांग की.
सादगी के पर्याय थे डॉ राजेंद्र प्रसादः बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिंहा ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद को महात्मा गांधी ने राजनीति का अजातशत्रु बतलाया था. उन्हें राजनीति में संत और संतों में राजनीतिज्ञ कहा गया. सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर उन्होंने अपना जीवन जिया. सार्वजनिक जीवन में सुचिता के वह पर्याय थे और यही कारण है कि पूरे देशवासियों के दिलों में डॉ राजेंद्र प्रसाद बसते हैं. उनकी जयंती सप्ताह के मौके पर हम सभी उनके व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं और उससे जीवन में आगे बढ़ने की सीख ले रहे हैं.
अनुकरणीय है डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवनः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद मेधा के पर्याय थे. उनके बारे में उनकी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने वाले इनविजीलेटर ने लिखा था कि 'एग्जामिनी इस बेटर देन एग्जामिनर'. भारत रत्न से सम्मानित डॉ राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने और वह बिहार से थे, यह बिहार के लिए गौरव की बात है. देश रत्न कॉन्क्लेव में डॉ राजेंद्र प्रसाद के व्यक्तित्व और उनके कार्यों की चर्चा हुई.
स्टैच्यू ऑफ विजडम पर विचार करेगी सरकारः दिलीप जायसवाल ने कहा कि सभी बिहारवासियों की मांग है कि बिहार में स्टैच्यू आफ विजडम बनना चाहिए. गुजरात में जिस प्रकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल के स्मारक के तौर पर है उस प्रकार बिहार में भी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के स्मारक के तौर पर स्टैच्यू आफ विजडम बननी चाहिए. लेकिन इसमें स्मारक की जितनी ऊंचाई की चर्चा है उसमें काफी समय लगता है. इसमें पॉलिसी बनानी पड़ती है. सरकार के पास प्रस्ताव आता है तो विचार करेगी.
"राजेंद्र प्रसाद को किसी जाति या किसी क्षेत्र से जोड़कर देखना संकीर्ण मानसिकता है. राजेंद्र प्रसाद सभी भारतवासियों के थे. लोगों की भावनाओं के अनुसार यदि जरूरत पड़ती है तो उनके जन्म स्थान जीरादेई स्टेशन का नाम बदलकर डॉ राजेंद्र प्रसाद स्टेशन कर दिया जाएगा."- दिलीप जायसवाल, भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री
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