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केजरीवाल की कैबिनेट में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने AAP छोड़ कांग्रेस का थामा दामन, MLA पद से भी दिया इस्तीफा - RAJENDRA PAL GAUTAM RESIGNS AAP - RAJENDRA PAL GAUTAM RESIGNS AAP

Rajendra Pal Gautam joined Congress: केजरीवाल सरकार के कैबिनेट में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. कभी वे केजरीवाल सरकार के कैबिनेट में मंत्री हुआ करते थे. पढ़ें पूरी खबर..

राजेंद्र पल गौतम ने थामा कांग्रेस का दामन
राजेंद्र पल गौतम ने थामा कांग्रेस का दामन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 6, 2024, 12:20 PM IST

Updated : Sep 6, 2024, 5:00 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और केजरीवाल सरकार की कैबिनेट में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है. साथ ही, उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है. वे पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और दलित नेता के रूप में पहचाने जाते रहे हैं. लेकिन, बीते दो वर्षों के दौरान धर्मांतरण के मुद्दे पर पार्टी ने जिस तरह उन्हें साइड लाइन कर दिया था, इससे वह अलग-थलग हो गए थे. वर्तमान में यह पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी विधानसभा से विधायक हैं.

दरअसल अक्टूबर 2022 में एक समारोह में धर्मांतरण के मुद्दे पर राजेंद्र पाल गौतम द्वारा दिए गए बयान के बाद पार्टी की नाराजगी उठानी पड़ी थी. इसके कुछ दिनों बाद ही राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह पार्टी ने पटेल नगर से विधायक दलित नेता राजकुमार आनंद को मंत्री बनाया था. मगर राजकुमार आनंद भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बसपा का दामन थामा था. हालांकि इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.

कौन हैं राजेंद्र पाल गौतम: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उनके पास समाज कल्याण, एससी और एसटी, गुरुद्वारा चुनाव, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार विभाग था. राजनीति में आने से पहले राजेंद्र पाल गौतम वकालत करते थे और 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. उन्हें 48,885 वोटों के अंतर से जीतने के बाद 2015 दिल्ली विधानसभा चुनावों में सीमापुरी निर्वाचन क्षेत्र से एक विधायक के रूप में चुना गया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली शराब घोटालाः मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल, सिसोदिया, संजय सिंह और के. कविता की पेशी आज

धर्मांतरण के पक्षधर रहे हैं: अक्टूबर 2020 में गाजियाबाद में धर्मांतरण के एक मामले पर उन्होंने कहा था कि यह धर्म परिवर्तन नहीं, घर वापसी है. यह गाजियाबाद में वाल्मीकि समाज के लोगों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का मामला था. वे सब लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर पहले मिल चुके थे. जिन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया था. तब भी राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि बौद्ध धर्म हमारे अपने देश का धर्म है. यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है. उन्होंने कहा था कि जो लोग आज बौद्ध धर्म अपना रहे हैं, वो अपने ही समाज में वापस लौट रहे हैं. यह संप्रदाय नहीं है, यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है, जो मैत्री और न्याय की बात करती है.

यह भी पढ़ें- विजय कुमार मल्होत्रा को बीजेपी नेताओं ने दिलाई सदस्यता, जानिए उन्होंने क्या कहा

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और केजरीवाल सरकार की कैबिनेट में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है. साथ ही, उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है. वे पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और दलित नेता के रूप में पहचाने जाते रहे हैं. लेकिन, बीते दो वर्षों के दौरान धर्मांतरण के मुद्दे पर पार्टी ने जिस तरह उन्हें साइड लाइन कर दिया था, इससे वह अलग-थलग हो गए थे. वर्तमान में यह पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी विधानसभा से विधायक हैं.

दरअसल अक्टूबर 2022 में एक समारोह में धर्मांतरण के मुद्दे पर राजेंद्र पाल गौतम द्वारा दिए गए बयान के बाद पार्टी की नाराजगी उठानी पड़ी थी. इसके कुछ दिनों बाद ही राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह पार्टी ने पटेल नगर से विधायक दलित नेता राजकुमार आनंद को मंत्री बनाया था. मगर राजकुमार आनंद भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बसपा का दामन थामा था. हालांकि इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.

कौन हैं राजेंद्र पाल गौतम: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उनके पास समाज कल्याण, एससी और एसटी, गुरुद्वारा चुनाव, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार विभाग था. राजनीति में आने से पहले राजेंद्र पाल गौतम वकालत करते थे और 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. उन्हें 48,885 वोटों के अंतर से जीतने के बाद 2015 दिल्ली विधानसभा चुनावों में सीमापुरी निर्वाचन क्षेत्र से एक विधायक के रूप में चुना गया था.

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धर्मांतरण के पक्षधर रहे हैं: अक्टूबर 2020 में गाजियाबाद में धर्मांतरण के एक मामले पर उन्होंने कहा था कि यह धर्म परिवर्तन नहीं, घर वापसी है. यह गाजियाबाद में वाल्मीकि समाज के लोगों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का मामला था. वे सब लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर पहले मिल चुके थे. जिन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया था. तब भी राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि बौद्ध धर्म हमारे अपने देश का धर्म है. यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है. उन्होंने कहा था कि जो लोग आज बौद्ध धर्म अपना रहे हैं, वो अपने ही समाज में वापस लौट रहे हैं. यह संप्रदाय नहीं है, यह तथागत बुद्ध की शिक्षा है, जो मैत्री और न्याय की बात करती है.

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Last Updated : Sep 6, 2024, 5:00 PM IST
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