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रेवेन्यू बोर्ड की स्थाई स्थाई बेंच गठित करने के लिए पेश प्रतिवेदन को तय करे राज्य सरकार- हाईकोर्ट - RAJASTHAN HIGHCOURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने के संबंध में निर्णय ले.

राजस्थान हाईकोर्ट
जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने का मामला (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 9, 2024, 10:43 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने के संबंध में दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से पूर्व में दिए गए प्रतिवेदन पर निर्णय ले. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया.

खंडपीठ केवल दो दिन सुनवाई करती है : अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड की जयपुर सर्किट बेंच में फिलहाल 17 हजार मामले लंबित हैं. जयपुर सर्किट बेंच को दस जिलों- जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, दौसा, अलवर, कोटपूतली-बहरोड, सीकर, नीम का थाना, झुंझुनू और खैरथल-तिजारा के मामलों की सुनवाई का अधिकार है. वर्तमान में जयपुर सर्किट बेंच महीने के दूसरे और चौथे सप्ताह में ही काम करती है. इस अवधि में भी खंडपीठ केवल दो दिन सुनवाई करती है.

इसे भी पढ़ें- उपभोक्ता आयोग में रिक्त पड़े हैं अध्यक्ष व सदस्यों के पद, हाईकोर्ट ने कहा- सरकार आगामी तारीख पर बताए इसको लेकर योजना - Rajasthan High Court

ऐसे में सीमित अवधि में मामलों की सुनवाई होने से उनकी लंबित संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे पक्षकारों को न्याय मिलने में देरी हो रही है. याचिकाकर्ता बार एसोसिएशन ने जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने के लिए मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और संबंधित विभाग को कई प्रतिवेदन दिए, लेकिन उन पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसी कारण याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अदालत से इस संबंध में आदेश जारी करवाने की जरूरत पड़ी. खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में पेश प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने के संबंध में दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से पूर्व में दिए गए प्रतिवेदन पर निर्णय ले. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया.

खंडपीठ केवल दो दिन सुनवाई करती है : अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड की जयपुर सर्किट बेंच में फिलहाल 17 हजार मामले लंबित हैं. जयपुर सर्किट बेंच को दस जिलों- जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, दौसा, अलवर, कोटपूतली-बहरोड, सीकर, नीम का थाना, झुंझुनू और खैरथल-तिजारा के मामलों की सुनवाई का अधिकार है. वर्तमान में जयपुर सर्किट बेंच महीने के दूसरे और चौथे सप्ताह में ही काम करती है. इस अवधि में भी खंडपीठ केवल दो दिन सुनवाई करती है.

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ऐसे में सीमित अवधि में मामलों की सुनवाई होने से उनकी लंबित संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे पक्षकारों को न्याय मिलने में देरी हो रही है. याचिकाकर्ता बार एसोसिएशन ने जयपुर में रेवेन्यू बोर्ड की स्थायी बेंच गठित करने के लिए मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और संबंधित विभाग को कई प्रतिवेदन दिए, लेकिन उन पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसी कारण याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अदालत से इस संबंध में आदेश जारी करवाने की जरूरत पड़ी. खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में पेश प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.

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