जोधपुर: राज्य विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विधायकों की ओर से अलग अलग मुद्दे उठाए गए. कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने जहां आरएसएस के कार्यक्रमों में कर्मचारियों के जाने पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की, वहीं धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए कठोर कानून बनाने की मांग भी उठाई गई.
कोटा दक्षिण के विधायक शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आरएसएस के कार्यक्रम में कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी रोक हटा दी गई है. उन्होंने इस फैसले का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि संघ ने देश की हर परिस्थितियों में जनहित के काम किए हैं. राहत कार्य के तहत कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो कोई नहीं कर सकता. इस संगठन का लक्ष्य भारत माता का गौरव बढ़ाना है, लेकिन 1966 में केंद्र सरकार ने संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया. हाल ही में केंद्र सरकार ने इससे प्रतिबंध को हटा लिया. हरियाणा, हिमाचल, छत्तीसगढ और एमपी में भी आरएसएस से प्रतिबंध हट गया है, लेकिन राजस्थान में आज भी यह आदेश लागू है. मेरी सरकार से मांग है कि सरकार यह आदेश वापस ले, जिससे राष्ट्र सेवा को समर्पित इस संगठन से सभी जुड़ सकें.
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धर्मांतरण पर रोक का कानून बनें: इसी प्रकार सादुलशहर विधायक गुरुवीर सिंह ने प्रदेश में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए कठोर कानून बनाने के मुदृे पर अपनी बात रखी. विधायक ने कहा कि राजस्थान में धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए कड़ा कानून लेकर आने की जरूरत है. इससे लोभ, लालच व पाखंड से कोई धर्म परिवर्तन नहीं करवा सके. इसके लिए सख्त कानून होगा तो ही यह रुकेगा.
जैन मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण: बगरू विधायक कैलाशचंद वर्मा ने आमेर क्षेत्र में जैन मंदिर की भूमि पर हुए अतिक्रमण का मामला ध्यानकर्षण के तहत उठाया. इस पर मंत्री हेमंत मीणा ने कहा कि इस भूमि पर हो रही व्यवसायिक गतिविधयां हटाने को लेकर 2020 में सर्वे हुआ था, लेकिन उनका पुनर्वास किए बगैर हटाना संभव नहीं. इस पर विधायक ने मांग रखी कि यह आस्था का विषय है. इसकी पूरी जांच के लिए कमेटी बनाकर कार्रवाई की जाए. इसके बाद राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने सदन में जयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच करवा कार्रवाई करने की घोषणा की.
पौधारोपण के नाम पर करोड़ों का भुगतान: बाड़ी विधायक जसवंत गुर्जर ने क्षेत्र में अलग अलग वन खंडों में वर्ष 2022-23 में पौधरोपण सहित अन्य गतिविधियों के नाम पर अलग अलग नाका क्षेत्र में करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया गया, जबकि मौके पर काम नहीं के बराबर है. सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए. इस पर मंत्री के के विश्नोई ने कहा कि विधायक के आंकडे़ सही नहीं हैं. हमने वहां जांच करवाई है. पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया हैं. यदि जांच में दोषी पाए गए तो दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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सोलर कंपनियों से परेशानी: शिव के विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने अपने क्षेत्र में सोलर कंपनियों द्वारा विकसित किए कार्यों से क्षेत्रवासियों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया. भाटी ने कहा कि सोलर कंपनियों ने वहां के रहवासियों के चारागह छीन लिए. कंपनियां कमा रही हैं, लेकिन उनके सीएसआर से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं हो रहा है. आजादी के 75 साल बाद भी रहवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जबकि यह उनका अधिकार है.
फर्जी पट्टों की जांच करें: सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने जोधपुर में फर्जी पट्टे जारी करने के मामले में संपूर्ण जांच कर इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ एसीबी से जांच करवा कर कार्रवाई करें. जोशी ने कहा कि गरीब पाई पाई जोड़ कर पट्टा लेता है, लेकिन बाद में वह जब फर्जी साबित होता है तो उसका सबकुछ लुट जाता है. विधायक जोशी ने कहा कि भारत आईटी में सिरमौर है, लेकिन हम अभी तक प्रदेश में भूखंडों का डेटा आनलाइन नहीं करवा पार हरे हैं. इससे यह पता चल सके कि जो भूखंड वह खरीद रहा है तो किसका हैं. जोशी ने कहा कि रीको की वेबसाइट की तरह यह पहल की जा सकती है.