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बजट सत्र: प्रश्नकाल में उठा महिलाओं के आरक्षण का मुद्दा, सरकार ने कहा-शादी होने के बाद महिला आरक्षण की हकदार - rajasthan vidhansabah session

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सोमवार को अन्य राज्यों की आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को आरक्षण देने का मुद्दा उठा. इस पर सरकार ने जवाब में कहा कि आरक्षित वर्ग में शादी होने पर अन्य राज्य से आने वाली महिला को भी आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान है.

RAJASTHAN VIDHANSABAH SESSION
प्रश्नकाल में उठा अन्य राज्यों की आरक्षित श्रेणी की महिलाओं के आरक्षण का मुद्दा (PHOTO ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 29, 2024, 4:16 PM IST

जयपुर : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस ) की महिलाओं को अन्य राज्यों से राजस्थान में आकर शादी करने पर भी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस आरक्षण के लाभ में महिलाओं की पहचान के लिए प्रवासी श्रेणी शब्द डाला गया है. यह जानकारी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठे अन्य राज्यों की आरक्षित महिलाओं श्रेणी की महिलाओं को आरक्षण देने के सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने दी. सदन में बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्वच्छ परियोजना अधिकारी को बिना अनुमति के अतिरिक चार्ज दिए जाने पर भी जमकर हंगामा हुआ.

दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान विधायक मनोज कुमार ने सवाल किया था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला अन्य राज्यों से राजस्थान में शादी करने वाली महिला को प्रवासी महिला मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाता है, यह उनके लिए अपमान की बात है. इस पर सामाजिक अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि अन्य राज्यों से राजस्थान में शादी करके आने वाली महिलाओं को स्थानीय निवासी मानकर उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाता है, चाहे उन्होंने 10 वर्ष की नागरिकता की शर्ते पूरी नहीं की हो. इसके साथ ही अलग-अलग वर्ग में आरक्षण के अलग-अलग तरह के सर्टिफिकेट बनते हैं, लेकिन ईडब्ल्यूएस में इस तरह की कोई सर्टिफिकेट का प्रावधान नहीं है, इसलिए शादी करके आने वाली महिलाओं को प्रवासी मानकर का लाभ दिया जाता है, इसलिए उन्हें प्रवासी श्रेणी में शामिल किया जाता है.

पढ़ें: पूर्व सांसद खिलाड़ी बैरवा का चार महीने में भाजपा से मोह भंग, दिया इस्तीफा..जानिए क्या रही वजह

सदन में केंद्र सरकार की ओर से EWS के तहत दिए जाने वाले आरक्षण में कई तरह की शर्तों को हटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर सवाल किया तो मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की किसी भी योजना या मंशा को राज्य सरकार कुछ कहने और करने के लिए अधिकृत नहीं है. ऐसे में उस पर कुछ आधिकारिक जवाब नहीं दिया जा सकता.

बिना अनुमति अतिरिक्त चार्ज पर हंगामा: प्रश्नकाल के दौरान बांसवाड़ा विधानसभा में स्वच्छ परियोजना में कार्यरत अधिकारी को बिना अनुमति अतिरिक्त चार्ज दिए जाने पर जमकर हंगामा हुआ. विधायक अर्जुन सिंह बामनिया ने सवाल उठाया कि क्या किसी अधिकारी को विभाग की अनापत्ति के बिना जनजाति विभाग में अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है. इस पर मंत्री ने कहा कि पद खाली होने की स्थिति में कलेक्टर ने अतिरिक्त चार्ज दिया है, इस पर अगर किसी तरह के कोई आरोप है तो उसकी जांच करवा ली जाएगी.

यह भी पढ़ें: पट्टा जारी करने की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, 30 दिन में आवेदक को मिलेगा पट्टा

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि किसी भी अधिकारी को अगर नियम विरुद्ध जिला कलेक्टर अतिरिक्त चार्ज पर लगा देता हैं तो क्या सरकार इसकी जांच कराएगी. इस पर मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि उसकी भी जांच कराई जाएगी. वहीं, प्रश्नकाल कल के दौरान पाली जिले में प्रदूषण से खराब हुई भूमि के मुआवजे को लेकर सवाल किया गया. विधायक भीमराज भाटी ने पर्यावरण राज्य मंत्री से यह सवाल किया तो वह इसका जवाब नहीं दे पाए, मंत्री के सवाल में हुए कन्फ्यूजन के चलते विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सवाल को स्थगित कर दिया.

जयपुर : आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस ) की महिलाओं को अन्य राज्यों से राजस्थान में आकर शादी करने पर भी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस आरक्षण के लाभ में महिलाओं की पहचान के लिए प्रवासी श्रेणी शब्द डाला गया है. यह जानकारी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठे अन्य राज्यों की आरक्षित महिलाओं श्रेणी की महिलाओं को आरक्षण देने के सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने दी. सदन में बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्वच्छ परियोजना अधिकारी को बिना अनुमति के अतिरिक चार्ज दिए जाने पर भी जमकर हंगामा हुआ.

दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान विधायक मनोज कुमार ने सवाल किया था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला अन्य राज्यों से राजस्थान में शादी करने वाली महिला को प्रवासी महिला मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाता है, यह उनके लिए अपमान की बात है. इस पर सामाजिक अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि अन्य राज्यों से राजस्थान में शादी करके आने वाली महिलाओं को स्थानीय निवासी मानकर उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाता है, चाहे उन्होंने 10 वर्ष की नागरिकता की शर्ते पूरी नहीं की हो. इसके साथ ही अलग-अलग वर्ग में आरक्षण के अलग-अलग तरह के सर्टिफिकेट बनते हैं, लेकिन ईडब्ल्यूएस में इस तरह की कोई सर्टिफिकेट का प्रावधान नहीं है, इसलिए शादी करके आने वाली महिलाओं को प्रवासी मानकर का लाभ दिया जाता है, इसलिए उन्हें प्रवासी श्रेणी में शामिल किया जाता है.

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सदन में केंद्र सरकार की ओर से EWS के तहत दिए जाने वाले आरक्षण में कई तरह की शर्तों को हटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर सवाल किया तो मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की किसी भी योजना या मंशा को राज्य सरकार कुछ कहने और करने के लिए अधिकृत नहीं है. ऐसे में उस पर कुछ आधिकारिक जवाब नहीं दिया जा सकता.

बिना अनुमति अतिरिक्त चार्ज पर हंगामा: प्रश्नकाल के दौरान बांसवाड़ा विधानसभा में स्वच्छ परियोजना में कार्यरत अधिकारी को बिना अनुमति अतिरिक्त चार्ज दिए जाने पर जमकर हंगामा हुआ. विधायक अर्जुन सिंह बामनिया ने सवाल उठाया कि क्या किसी अधिकारी को विभाग की अनापत्ति के बिना जनजाति विभाग में अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है. इस पर मंत्री ने कहा कि पद खाली होने की स्थिति में कलेक्टर ने अतिरिक्त चार्ज दिया है, इस पर अगर किसी तरह के कोई आरोप है तो उसकी जांच करवा ली जाएगी.

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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि किसी भी अधिकारी को अगर नियम विरुद्ध जिला कलेक्टर अतिरिक्त चार्ज पर लगा देता हैं तो क्या सरकार इसकी जांच कराएगी. इस पर मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि उसकी भी जांच कराई जाएगी. वहीं, प्रश्नकाल कल के दौरान पाली जिले में प्रदूषण से खराब हुई भूमि के मुआवजे को लेकर सवाल किया गया. विधायक भीमराज भाटी ने पर्यावरण राज्य मंत्री से यह सवाल किया तो वह इसका जवाब नहीं दे पाए, मंत्री के सवाल में हुए कन्फ्यूजन के चलते विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सवाल को स्थगित कर दिया.

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