जयपुर: राजस्थान में अब राजकीय कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और कार्यक्रमों में जाने पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने की मांग तेज हो गई है. बुधवार को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विधायकों की ओर से अलग-अलग मुद्दे उठाए गए. कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने जहां आरएसएस के कार्यक्रमों में कर्मचारियों के जाने पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की, वहीं धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए कठोर कानून बनाने की मांग भी उठाई गई.
प्रतिबंध खत्म होगा ! : कोटा दक्षिण के विधायक शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आरएसएस के कार्यक्रम में कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी रोक हटा दी गई है. उन्होंने इस फैसले का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि संघ ने देश की हर परिस्थितियों में जनहित के काम किए हैं. राहत कार्य के तहत कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो कोई नहीं कर सकता.
इस संगठन का लक्ष्य भारत माता का गौरव बढ़ाना है, लेकिन 1966 में केंद्र सरकार ने संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया. हाल ही में केंद्र सरकार ने इससे प्रतिबंध को हटा लिया. हरियाणा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ और एमपी में भी आरएसएस से प्रतिबंध हट गया है, लेकिन राजस्थान में आज भी यह आदेश लागू है. मेरी सरकार से मांग है कि सरकार यह आदेश वापस ले, जिससे राष्ट्र सेवा को समर्पित इस संगठन से भी जुड़ सकें.
इसके साथ ही शून्य काल में ही धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बने, इसको लेकर सादुलशहर विधायक गुरुवीर सिंह ने मांग उठाई. सिंह ने कहा कि प्रदेश में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए कड़ा कानून लेकर आने की जरूरत है. इससे लोभ, लालच व पाखंड से कोई धर्म परिवर्तन नहीं करवा सके. इसके लिए सख्त कानून होगा तो ही यह रुकेगा.