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राजस्थान यूनिवर्सिटी बना प्रदेश का पहला ISO सर्टिफाइड विश्वविद्यालय - ISO Certified University

राजस्थान विश्वविद्यालय में खुशी की लहर है. दरअसल, विश्वविद्यालय को अपनी मैनेजरियल प्रोसेस और एनवायरमेंट प्रोटक्शन के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानकों की मान्यता प्राप्त हुई है. इसके लिए विश्वविद्यालय को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला है.

ISO Certified University
राजस्थान यूनिवर्सिटी बना प्रदेश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड विश्वविद्यालय (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 13, 2024, 10:53 AM IST

कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान के सबसे बड़े उच्च शिक्षण संस्थान राजस्थान विश्वविद्यालय को आईएसओ प्रमाणित किया गया है. विश्वविद्यालय में मैनेजरियल प्रोसेस और एनवायरमेंट प्रोटक्शन को लेकर बनाई गई पॉलिसी, सिलेबस, एकेडमिक प्रोग्राम को आईएसओ प्रमाण पत्र मूल्यांकन का मुख्य आधार माना है. इसके साथ ही राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रदेश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड विश्वविद्यालय बन गया है.

कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने बताया कि विश्वविद्यालय की प्रबंधकीय प्रक्रियाओं और पर्यावरण प्रबंधन के लिए किए गए कार्य और शैक्षणिक मार्गदर्शन को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने अपने मानकों के अनुरूप पाया है. राजस्थान विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जिसे आईएसओ 21001:2018 और आईएसओ 14001:2015 प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया गया है या यूं कहें जो आईएसओ मानकों पर खरा उतरा है.

पढ़ें: राजस्थान के इस विश्वविद्यालय में धूल खा रही थी लाखों साल पुरानी ये विरासत, अब स्टूडेंट्स जान रहे मानव विकास की 'गाथा'

अब नए ग्रेडिंग की तैयारी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जाने वाला ये मूल्यांकन कोरियन एजेंसी फॉर टेक्नोलॉजी एंड स्टैण्डर्ड (केएटीएस) और 39 देशों के 86 विशेषज्ञों ने किया था. प्रो. अल्पना कटेजा ने इस उपलब्धि को राजस्थान विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और इस सफलता के लिए सभी विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों को बधाई देते हुए बताया कि वे अब नैक की नई ग्रेडिंग की भी तैयारी कर रहे हैं. साथ ही बताया कि विश्वविद्यालय में प्रबंधन के क्षेत्र में ई-फाइलिंग को इंट्रोड्यूस किया गया है. विभिन्न प्रकार की कई ऑडिट कराई गई है. ग्रीन ऑडिट, एनर्जी ऑडिट, एकेडमिक और एडमिनिस्ट्रेशन ऑडिट जैसी सभी प्रक्रियाएं पूरी करके अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा किया है. इसी तरह से पर्यावरण के क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण का काम हो या फिर प्लांटेशन और सोलर पैनल का उपयोग हो. इनका उपयोग करते हुए सभी छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त किया है.

ये हैं मूल्यांकन के आधार बिंदु: बता दें कि विश्वविद्यालय में एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एंड प्रमोशन को लेकर बनाई गई पॉलिसी, सिलेबस, एकेडमिक प्रोग्राम को आईएसओ प्रमाण पत्र मूल्यांकन का मुख्य आधार माना है. विश्वविद्यालय के मूल्यांकन से पहले यहां की वर्तमान में प्रचलित नीतियों, उद्देश्य और प्रक्रियाओं का व्यापक आधार पर एनालाइज किया गया था. इस प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय के मैनेजरियल सिस्टम, यहां अध्ययन कर रहे छात्रों और अन्य स्टेकहोल्डर की आवश्यक जरूरतों के लिए दी जा रही सेवाओं को अपने मानकों के अनुरूप पाया गया. इस प्रक्रिया के तहत राजस्थान विश्वविद्यालय को पॉपुलर एंटरप्रेन्योरशिप की बेस्ट प्रैक्टिस के अकॉर्डिंग भी पाया गया है.

कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान के सबसे बड़े उच्च शिक्षण संस्थान राजस्थान विश्वविद्यालय को आईएसओ प्रमाणित किया गया है. विश्वविद्यालय में मैनेजरियल प्रोसेस और एनवायरमेंट प्रोटक्शन को लेकर बनाई गई पॉलिसी, सिलेबस, एकेडमिक प्रोग्राम को आईएसओ प्रमाण पत्र मूल्यांकन का मुख्य आधार माना है. इसके साथ ही राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रदेश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड विश्वविद्यालय बन गया है.

कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने बताया कि विश्वविद्यालय की प्रबंधकीय प्रक्रियाओं और पर्यावरण प्रबंधन के लिए किए गए कार्य और शैक्षणिक मार्गदर्शन को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने अपने मानकों के अनुरूप पाया है. राजस्थान विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जिसे आईएसओ 21001:2018 और आईएसओ 14001:2015 प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया गया है या यूं कहें जो आईएसओ मानकों पर खरा उतरा है.

पढ़ें: राजस्थान के इस विश्वविद्यालय में धूल खा रही थी लाखों साल पुरानी ये विरासत, अब स्टूडेंट्स जान रहे मानव विकास की 'गाथा'

अब नए ग्रेडिंग की तैयारी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जाने वाला ये मूल्यांकन कोरियन एजेंसी फॉर टेक्नोलॉजी एंड स्टैण्डर्ड (केएटीएस) और 39 देशों के 86 विशेषज्ञों ने किया था. प्रो. अल्पना कटेजा ने इस उपलब्धि को राजस्थान विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और इस सफलता के लिए सभी विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों को बधाई देते हुए बताया कि वे अब नैक की नई ग्रेडिंग की भी तैयारी कर रहे हैं. साथ ही बताया कि विश्वविद्यालय में प्रबंधन के क्षेत्र में ई-फाइलिंग को इंट्रोड्यूस किया गया है. विभिन्न प्रकार की कई ऑडिट कराई गई है. ग्रीन ऑडिट, एनर्जी ऑडिट, एकेडमिक और एडमिनिस्ट्रेशन ऑडिट जैसी सभी प्रक्रियाएं पूरी करके अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा किया है. इसी तरह से पर्यावरण के क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण का काम हो या फिर प्लांटेशन और सोलर पैनल का उपयोग हो. इनका उपयोग करते हुए सभी छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त किया है.

ये हैं मूल्यांकन के आधार बिंदु: बता दें कि विश्वविद्यालय में एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एंड प्रमोशन को लेकर बनाई गई पॉलिसी, सिलेबस, एकेडमिक प्रोग्राम को आईएसओ प्रमाण पत्र मूल्यांकन का मुख्य आधार माना है. विश्वविद्यालय के मूल्यांकन से पहले यहां की वर्तमान में प्रचलित नीतियों, उद्देश्य और प्रक्रियाओं का व्यापक आधार पर एनालाइज किया गया था. इस प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय के मैनेजरियल सिस्टम, यहां अध्ययन कर रहे छात्रों और अन्य स्टेकहोल्डर की आवश्यक जरूरतों के लिए दी जा रही सेवाओं को अपने मानकों के अनुरूप पाया गया. इस प्रक्रिया के तहत राजस्थान विश्वविद्यालय को पॉपुलर एंटरप्रेन्योरशिप की बेस्ट प्रैक्टिस के अकॉर्डिंग भी पाया गया है.

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