जयपुर. राजस्थान लोकसेवा आयोग की उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर जगदीश विश्नोई गैंग ने जयपुर के हसनपुरा स्थित रविंद्र बाल भारती स्कूल में बने परीक्षा केंद्र से लीक किया था. इस गैंग से जुड़े बदमाश योजनाबद्ध तरीके से पेपर तक पहुंचे और उसकी फोटो ली. इसके बाद अपने नेटवर्क के जरिए पेपर को हल करके अभ्यर्थियों को पेपर रटवाया गया.
जगदीश विश्नोई गैंग ने अपनी प्रतिद्वंद्वी भूपेंद्र सारण गैंग को भी मोटी रकम लेकर पर्चा बेचा. इस गैंग ने भी कई अभ्यर्थियों को पेपर मुहैया करवाया. एसओजी की जांच में एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की कई परतें खुली हैं. हालांकि, माना जा रहा है कि इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं. एसआई भर्ती परीक्षा 13 से 15 सितंबर 2021 को हुई थी. इसमें से 14 और 15 सितंबर का पेपर लीक होने की पुष्टि एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने की है. उनका यह भी कहना है कि फिलहाल अनुसंधान जारी है.
जेईएन भर्ती पेपर लीक में शामिल मोट मुख्य कड़ी : जेईएन भर्ती पेपर लीक के मामले में पकड़ा गया लाइब्रेरियन शिवरतन मोट श्रीगंगानगर में लाइब्रेरियन है. उसकी जयपुर के रविंद्र बाल भारती स्कूल में एसआई भर्ती परीक्षा के दौरान ड्यूटी लगवाई गई. इस परीक्षा केंद्र के केंद्राधीक्षक राजेश खंडेलवाल को भी गैंग ने अपने साथ मिला लिया. इसके बाद इसी सेंटर पर यूनिक विश्नोई को साथ लेकर एसआई भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक किया गया. जगदीश विश्नोई गैंग ने राजेश खंडेलवाल को बदले में दस लाख रुपये दिए.
जहां पेपर रखे, वहां खुफिया जगह छुपाया भांबू को : रविंद्र बाल भारती स्कूल के एक कमरे में जहां पेपर को सुरक्षित रखवाया जाना था. वहां बने एक खुफिया जगह (कोठरी) में पहले से ही शिवरतन और राजेश ने यूनिक भांबू को छुपाया गया. जब पेपर कमरे में पहुंचा तो यूनिक ने लिफाफे की सील खोलकर मोबाइल से पेपर की फोटो ली और मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई को वाट्सएप पर भेज दी. जगदीश ने गैंग के अन्य बदमाशों के जरिए पेपर हल करवाया और अपने संपर्क के अभ्यर्थियों को सवाल-जवाब रटवाए. यूनिक वन विभाग में वनपाल है, जो जेईएन पेपर लीक के खुलासे के बाद विदेश भाग गया.
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आरोपी का भाई, पुलिस अधिकारी का बेटा भी शामिल : लीक पेपर रटकर एसआई भर्ती में चयन होने वालों में यूनिक विश्नोई का भाई विवेक विश्नोई भी शामिल है. इसके अलावा आरपीएस अधिकारी ओमप्रकाश गोदारा का बेटा करणपाल गोदारा भी लीक पेपर रटकर पास हुआ और एसआई बना. नरेश विश्नोई ने भी धांधली कर परीक्षा टॉप की है. एसओजी ने जिन 14 प्रशिक्षु एसआई को गिरफ्तार किया है. ये तीनों उनमें शामिल हैं.
जगदीश विश्नोई के गुर्गे ने सारण को दिया पेपर : पेपर लीक करने वाली जगदीश विश्नोई गैंग के एक गुर्गे ने एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर प्रतिद्वंद्वी भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका की गैंग तक भी पहुंचा दिया था. इस गैंग से जुड़े गुर्गों ने उनके संपर्क में आए अभ्यर्थियों को भी सवाल-जवाब रटवाए हैं. सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण शिक्षक भर्ती पेपर लीक के मामले में एसओजी के हत्थे चढ़ चुके हैं.
इन कारणों से एसआई भर्ती पर पहले भी उठे सवाल : एसआई भर्ती परीक्षा का परिणाम आने के बाद से ही इसकी पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे थे. टॉपर नरेश जालोर के चितलवाना की एक स्कूल में क्लर्क था. इसी स्कूल का प्रधानाचार्य सुरेश विश्नोई पेपर लीक मामले में फरार है. वहीं, आरपीएससी के सदस्य रहे रामूराम रायका के बेटे और बेटी का भी एसआई भर्ती में चयन हुआ था. जबकि चूरू की एक ही कॉलोनी के चार अभ्यर्थियों का भी एक साथ चयन हुआ. इनमें एक यूनिक भांबू का भाई और अन्य रिश्तेदार हैं.
अब आरपीएससी तक जांच, रद्द हो सकती है भर्ती : एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर एसओजी कमोबेश रोज नए खुलासे कर रही है. लेकिन फिर भी अभी कई सवालों के जवाब सामने आने बाकि है. मसलन, पेपर लीक गिरोह में शामिल लाइब्रेरियन शिवरतन मोट की ड्यूटी जयपुर की रविंद्र बाल भारती स्कूल में कैसे लगाई गई. वहां तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद यूनिक विश्नोई को कैसे उस कमरे में दाखिल करवाया गया, जहां पेपर रखे जाने थे. हालांकि, एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि हर पहलु को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. वहीं, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी कह चुके हैं कि परीक्षा रद्द करवाने को लेकर वे सरकार से बात करेंगे.
गिरफ्तार आरोपियों की रैंक : नरेश विश्नोई-01 (टॉपर), सुरेंद्र कुमार-20, विवेक भांबू-24, मनोहर लाल-52, प्रेमसुखी-72, एकता-123, गोपीराम-135, श्रवण कुमार विश्नोई-199, भगवती विश्नोई-298, रोहिताश्व कुमार-385, राजेश्वरी-542, नारंगी-1092, चंचल कुमारी-372 और करणपाल गोदारा-22.