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राजस्थान में भाजपा कांग्रेस के लिए उलझन बरकरार, अब तक 25 सीटों पर नहीं तलाश कर सके प्रत्याशी - Lok Sabha Tickets

Rajasthan Lok Sabha Election, राजस्थान के लोकसभा चुनाव के मुकाबले रोचक होते हुए नजर आ रहे हैं. इन मुकाबलों में जहां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस टिकट वितरण के बाद आंतरिक असंतोष से जूझ रहे हैं. वहीं, दोनों पार्टियों के लिए एक-एक लोकसभा सीट अभी भी चुनौती बनी हुई है. भीलवाड़ा में भाजपा, तो बांसवाड़ा डूंगरपुर में कांग्रेस अपनी रणनीति साफ नहीं कर सकी है.

Rajasthan Lok Sabha Election
भाजपा और कांग्रेस
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 26, 2024, 10:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 25 लोकसभा सीट पर जीत का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी अब तक 24 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन भीलवाड़ा में पार्टी की ओर से अभी तक प्रत्याशी का चेहरा तय नहीं किया जा सका है. ठीक ऐसी ही परेशानी कांग्रेस की ओर से भी है, जहां भाजपा के मिशन 25 को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन ने अभी तक आदिवासी बाहुल्य वागड़ की बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. इस लोकसभा चुनाव में दोनों ही डाल अपने रणनीति के हिसाब से फैसला ले रहे हैं, लेकिन एक एक सीट दोनों दलों के लिए मुश्किल बढ़ा रही है.

भीलवाड़ा में भाजपा पसोपेश में : विधानसभा चुनाव के दौरान आरएसएस और भाजपा के लिए गढ़ माने जाने वाले भीलवाड़ा में पार्टी के बागी के रूप में अशोक कोठारी ने भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी. इस लोक सभा सीट पर भाजपा टिकट वितरण से पहले असंतोष को खत्म करना चाहती है, ताकि डैमेज कंट्रोल करके विजय रथ के सफर को बरकरार रखा जा सके. पूर्व विधायक और भाजपा की प्रत्याशी रहे विट्ठल शंकर अवस्थी भाजपा में निष्कासन के बाद अशोक कोठारी की वापसी नहीं चाहते हैं. दूसरी ओर मौजूदा सांसद सुभाष बहेड़िया को लेकर भी पार्टी का एक धड़ा दिल्ली तक अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है. ऐसे में पार्टी के लिए चुनौतियां बरकरार है.

पढ़ें : भाजपा प्रत्याशी सुमेधानंद की नामांकन रैली, सीएम भजनलाल ने यमुना के जल के नाम पर मांगा वोट - BJP Sikar Rally

फिलहाल, टिकट की कतार में प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल को आगे माना जा रहा है. वहीं, ओबीसी और गुर्जर चेहरे के रूप में पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर भी इस बार मजबूत दावेदार हैं. इसके अलावा मौजूदा सांसद सुभाष बहेड़िया और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए उद्योगपति रिजु झुंझुनू वाला भी रेस में शामिल हैं. हालांकि, स्थानीय भाजपा सूत्रों के मुताबिक बहेड़िया को लेकर पार्टी फिलहाल कोई फैसला लेने के मूड में नहीं है, वरना एकमात्र सीट पर निर्णय अटका नहीं रहता.

वागड़ में कांग्रेस के लिए मुश्किल : अब कांग्रेस की सिर्फ राजस्थान से एकमात्र डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट से उम्मीदवार की घोषणा शेष रह गई है. इंडिया गठबंधन को तवज्जो होने के साथ ही इस सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ समझौते को लेकर चर्चा की जा रही थी. गठबंधन के लिए BAP उदयपुर सीट पर दावा ठोक रहे थी, तो कांग्रेस ने ताराचंद मीना को यहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद राजस्थान में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में गठबंधन को लेकर संशय और सवाल शुरू हो चुके थे.

हालांकि, BAP की ओर से ताराचंद मीना की टिकट को रद्द करने की डिमांड भी आई, लेकिन फैसला नहीं हो सका. दूसरी ओर बांसवाड़ा डूंगरपुर में बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर जा चुके पूर्व मंत्री और बागीदौरा से विधायक रहे महेंद्रजीत मालवीय को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में गठबंधन को लेकर चर्चा संगठन के अंदर ही बगावत के स्वर मुखर कर रही है. बांसवाड़ा, कुशलगढ़, खैरवाड़ा और घाटोल के विधायक आलाकमान को पत्र लिखकर गठबंधन नहीं करने की अपील कर चुके हैं. संगठन से जुड़े नेता भी इस समझौते के हक में नहीं है. ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां भाजपा के समक्ष सीधी चुनौती की जगह त्रिकोणीय संघर्ष का विकल्प फिलहाल नजर आ रहा है और निर्णय की स्थिति में यहां से टिकट फाइनल नहीं हुआ है.

जयपुर. राजस्थान में 25 लोकसभा सीट पर जीत का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी अब तक 24 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन भीलवाड़ा में पार्टी की ओर से अभी तक प्रत्याशी का चेहरा तय नहीं किया जा सका है. ठीक ऐसी ही परेशानी कांग्रेस की ओर से भी है, जहां भाजपा के मिशन 25 को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन ने अभी तक आदिवासी बाहुल्य वागड़ की बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. इस लोकसभा चुनाव में दोनों ही डाल अपने रणनीति के हिसाब से फैसला ले रहे हैं, लेकिन एक एक सीट दोनों दलों के लिए मुश्किल बढ़ा रही है.

भीलवाड़ा में भाजपा पसोपेश में : विधानसभा चुनाव के दौरान आरएसएस और भाजपा के लिए गढ़ माने जाने वाले भीलवाड़ा में पार्टी के बागी के रूप में अशोक कोठारी ने भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी. इस लोक सभा सीट पर भाजपा टिकट वितरण से पहले असंतोष को खत्म करना चाहती है, ताकि डैमेज कंट्रोल करके विजय रथ के सफर को बरकरार रखा जा सके. पूर्व विधायक और भाजपा की प्रत्याशी रहे विट्ठल शंकर अवस्थी भाजपा में निष्कासन के बाद अशोक कोठारी की वापसी नहीं चाहते हैं. दूसरी ओर मौजूदा सांसद सुभाष बहेड़िया को लेकर भी पार्टी का एक धड़ा दिल्ली तक अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है. ऐसे में पार्टी के लिए चुनौतियां बरकरार है.

पढ़ें : भाजपा प्रत्याशी सुमेधानंद की नामांकन रैली, सीएम भजनलाल ने यमुना के जल के नाम पर मांगा वोट - BJP Sikar Rally

फिलहाल, टिकट की कतार में प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल को आगे माना जा रहा है. वहीं, ओबीसी और गुर्जर चेहरे के रूप में पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर भी इस बार मजबूत दावेदार हैं. इसके अलावा मौजूदा सांसद सुभाष बहेड़िया और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए उद्योगपति रिजु झुंझुनू वाला भी रेस में शामिल हैं. हालांकि, स्थानीय भाजपा सूत्रों के मुताबिक बहेड़िया को लेकर पार्टी फिलहाल कोई फैसला लेने के मूड में नहीं है, वरना एकमात्र सीट पर निर्णय अटका नहीं रहता.

वागड़ में कांग्रेस के लिए मुश्किल : अब कांग्रेस की सिर्फ राजस्थान से एकमात्र डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट से उम्मीदवार की घोषणा शेष रह गई है. इंडिया गठबंधन को तवज्जो होने के साथ ही इस सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ समझौते को लेकर चर्चा की जा रही थी. गठबंधन के लिए BAP उदयपुर सीट पर दावा ठोक रहे थी, तो कांग्रेस ने ताराचंद मीना को यहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद राजस्थान में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में गठबंधन को लेकर संशय और सवाल शुरू हो चुके थे.

हालांकि, BAP की ओर से ताराचंद मीना की टिकट को रद्द करने की डिमांड भी आई, लेकिन फैसला नहीं हो सका. दूसरी ओर बांसवाड़ा डूंगरपुर में बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर जा चुके पूर्व मंत्री और बागीदौरा से विधायक रहे महेंद्रजीत मालवीय को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में गठबंधन को लेकर चर्चा संगठन के अंदर ही बगावत के स्वर मुखर कर रही है. बांसवाड़ा, कुशलगढ़, खैरवाड़ा और घाटोल के विधायक आलाकमान को पत्र लिखकर गठबंधन नहीं करने की अपील कर चुके हैं. संगठन से जुड़े नेता भी इस समझौते के हक में नहीं है. ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां भाजपा के समक्ष सीधी चुनौती की जगह त्रिकोणीय संघर्ष का विकल्प फिलहाल नजर आ रहा है और निर्णय की स्थिति में यहां से टिकट फाइनल नहीं हुआ है.

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