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RPSC सचिव बताएं खेल कोटे के आवेदनों की जांच लिखित परीक्षा के बाद क्यों की जाती है ? - Rajasthan High Court

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2023 से जुड़े मामले में आरपीएससी सचिव को 29 जुलाई को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि उत्कृष्ट खिलाड़ी कोटे के तहत किए गए आवेदनों की जांच मुख्य परीक्षा के बाद करना विसंगतिपूर्ण लगता है.

Rajasthan High Court
RPSC सचिव को किया तलब (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 20, 2024, 8:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2023 से जुड़े मामले में आरपीएससी सचिव को 29 जुलाई को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि उत्कृष्ट खिलाड़ी कोटे के तहत किए गए आवेदनों की जांच मुख्य परीक्षा के बाद करना विसंगतिपूर्ण लगता है. ऐसे में सचिव बताएं कि ऐसे आवेदनों की जांच लिखित परीक्षा के बाद क्यों की जाती है? इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम रूप से मुख्य परीक्षा में शामिल करने को कहा है. जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश फरहा नाज की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 15 मार्च, 2013 को अधिसूचना जारी कर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सेवा में दो फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था. आरपीएससी आरएएस भर्ती में उत्कृष्ट खिलाड़ियों की पात्रता की जांच किए बिना उनके आवेदन स्वीकार कर लेते हैं और लिखित परीक्षा के बाद उत्कृष्ट खिलाड़ी नहीं पाकर उम्मीदवारी खारिज कर देते हैं. आरपीएससी की इस दोषपूर्ण प्रक्रिया के कारण इस कोटे के तहत साल 2013 से एक भी भर्ती नहीं हुई है.

इसे भी पढ़ें - आरएएस भर्ती की मुख्य परीक्षा में शामिल करने से इनकार, याचिका पर सुनवाई मैंस के बाद - Rajasthan High Court

इसका विरोध करते हुए आरपीएससी की ओर से कहा गया कि साल 1999 के भर्ती नियम 11 के तहत साक्षात्कार से पहले और मुख्य परीक्षा के बाद उम्मीदवार की पात्रता की जांच की जाती है. दूसरी ओर आरपीएससी की ओर से यह भी बताया गया कि खेल कोटे के 5 पदों के लिए 78 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया गया है. याचिकाकर्ता के प्रारंभिक परीक्षा में शून्य से भी कम अंक आए हैं. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरपीएससी सचिव को तलब कर इस संबंध में जानकारी देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2023 से जुड़े मामले में आरपीएससी सचिव को 29 जुलाई को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि उत्कृष्ट खिलाड़ी कोटे के तहत किए गए आवेदनों की जांच मुख्य परीक्षा के बाद करना विसंगतिपूर्ण लगता है. ऐसे में सचिव बताएं कि ऐसे आवेदनों की जांच लिखित परीक्षा के बाद क्यों की जाती है? इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम रूप से मुख्य परीक्षा में शामिल करने को कहा है. जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश फरहा नाज की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 15 मार्च, 2013 को अधिसूचना जारी कर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सेवा में दो फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था. आरपीएससी आरएएस भर्ती में उत्कृष्ट खिलाड़ियों की पात्रता की जांच किए बिना उनके आवेदन स्वीकार कर लेते हैं और लिखित परीक्षा के बाद उत्कृष्ट खिलाड़ी नहीं पाकर उम्मीदवारी खारिज कर देते हैं. आरपीएससी की इस दोषपूर्ण प्रक्रिया के कारण इस कोटे के तहत साल 2013 से एक भी भर्ती नहीं हुई है.

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इसका विरोध करते हुए आरपीएससी की ओर से कहा गया कि साल 1999 के भर्ती नियम 11 के तहत साक्षात्कार से पहले और मुख्य परीक्षा के बाद उम्मीदवार की पात्रता की जांच की जाती है. दूसरी ओर आरपीएससी की ओर से यह भी बताया गया कि खेल कोटे के 5 पदों के लिए 78 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया गया है. याचिकाकर्ता के प्रारंभिक परीक्षा में शून्य से भी कम अंक आए हैं. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरपीएससी सचिव को तलब कर इस संबंध में जानकारी देने को कहा है.

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