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हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती का परिणाम संशोधित करने के आदेश की क्रियांविति पर लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती परिणाम संशोधित करने के आदेश की क्रियांविति पर लगाई रोक.

COURT STAYED THE IMPLEMENTATION,  STAYED IMPLEMENTATION OF ORDER
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipir)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 14, 2024, 6:08 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के गत 6 दिसंबर के उस आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है, जिसमें एकलपीठ ने वर्ष 2022 की तृतीय शिक्षक भर्ती लेवल-2 के विवादित प्रश्नों की विशेषज्ञ कमेटी से जांच कर उसके आधार पर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश सरिता कुमारी व अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

अपील में अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि एकलपीठ ने गत 6 दिसंबर को भर्ती में कुछ विवादित प्रश्नों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारी चयन बोर्ड को विशेषज्ञ कमेटी गठित कर प्रश्नों का पुनः परीक्षण करने को कहा था. इसके साथ ही अदालत ने कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा परिणाम को संशोधित करने के निर्देश दिए थे. इसे चुनौती देते हुए कहा कि करीब 27 हजार पदों की इस भर्ती में करीब 25 हजार अभ्यर्थी कार्य ग्रहण कर चुके हैं.

पढ़ेंः समान जिले में नियुक्ति के लिए बोनस अंक देना भेदभावपूर्ण, हाईकोर्ट ने रद्द किया प्रावधान

इसके अलावा एकलपीठ ने खुद के आदेश में भर्ती की मेरिट पर कोई बात नहीं की. उसने चयन बोर्ड की ओर से प्रश्नों के मूल्यांकन की बात को आधार मानकर विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर संशोधित परिणाम का निर्देश दिया. इसके अलावा अपीलार्थी एकलपीठ के समक्ष पक्षकार नहीं थे. एकलपीठ के आदेश से अपीलार्थियों के हित प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाते हुए कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के गत 6 दिसंबर के उस आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है, जिसमें एकलपीठ ने वर्ष 2022 की तृतीय शिक्षक भर्ती लेवल-2 के विवादित प्रश्नों की विशेषज्ञ कमेटी से जांच कर उसके आधार पर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश सरिता कुमारी व अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

अपील में अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि एकलपीठ ने गत 6 दिसंबर को भर्ती में कुछ विवादित प्रश्नों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारी चयन बोर्ड को विशेषज्ञ कमेटी गठित कर प्रश्नों का पुनः परीक्षण करने को कहा था. इसके साथ ही अदालत ने कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा परिणाम को संशोधित करने के निर्देश दिए थे. इसे चुनौती देते हुए कहा कि करीब 27 हजार पदों की इस भर्ती में करीब 25 हजार अभ्यर्थी कार्य ग्रहण कर चुके हैं.

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इसके अलावा एकलपीठ ने खुद के आदेश में भर्ती की मेरिट पर कोई बात नहीं की. उसने चयन बोर्ड की ओर से प्रश्नों के मूल्यांकन की बात को आधार मानकर विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर संशोधित परिणाम का निर्देश दिया. इसके अलावा अपीलार्थी एकलपीठ के समक्ष पक्षकार नहीं थे. एकलपीठ के आदेश से अपीलार्थियों के हित प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाते हुए कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है.

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