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सांगानेर ओपन जेल की जमीन पर अस्पताल निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर स्थित ओपन जेल की जमीन पर अस्पताल निर्माण के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

HIGH COURT SOUGHT A REPLY,  CONSTRUCTION OF A HOSPITAL
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 23, 2024, 9:11 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर स्थित देश की पहली ओपन जेल व उसके समीप की जमीन पर प्रस्तावित 300 बेड के हॉस्पिटल बनाए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से प्रदेश की जेलों व बंदियों के कल्याण के लिए पूर्व में दिए गए 45 बिन्दुओं पर पालना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह व भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह निर्देश जेलों में बंदियों की आधारभूत सुविधाओं से जुडे़ स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में न्यायमित्र की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि राज्य सरकार सांगानेर की ओपन जेल में हॉस्पिटल बनाने जा रही है और जेडीए के अफसरों को भी इस संबंध में जमीन का आवंटन करने के लिए कहा है. यह जेल देश की सबसे पहली ओपन जेल है और सुप्रीम कोर्ट भी इस ओपन जेल की नजीर देता है. ऐसे में ओपन जेल की जमीन पर हॉस्पिटल बनाना गलत है.

पढ़ेंः सामुदायिक भवन में जेडीए का जोन ऑफिस खोलने पर मांगा जवाब - Rajasthan High Court

न्यायमित्र ने कहा कि 12 साल से यह मामला चल रहा है, लेकिन राज्य सरकार की मंशा जेलों में सुधार की नहीं है. ऐसे में न तो जेलकर्मियों की भर्ती हुई है और न ही जेलों में वीसी की सुचारू सुविधा है. ऐसे में 30 फीसदी अंडर ट्रायल बंदी ही कोर्ट में पेश हो पाते हैं, जबकि अदालत ने राज्य सरकार को जेलों में आधारभूत सुविधाएं व बंदियों के कल्याण के संबंध में कई बार दिशा-निर्देश दिए हैं. ऐसे में अदालती निर्देशों की पालना कराई जाए.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर स्थित देश की पहली ओपन जेल व उसके समीप की जमीन पर प्रस्तावित 300 बेड के हॉस्पिटल बनाए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से प्रदेश की जेलों व बंदियों के कल्याण के लिए पूर्व में दिए गए 45 बिन्दुओं पर पालना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह व भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह निर्देश जेलों में बंदियों की आधारभूत सुविधाओं से जुडे़ स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में न्यायमित्र की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि राज्य सरकार सांगानेर की ओपन जेल में हॉस्पिटल बनाने जा रही है और जेडीए के अफसरों को भी इस संबंध में जमीन का आवंटन करने के लिए कहा है. यह जेल देश की सबसे पहली ओपन जेल है और सुप्रीम कोर्ट भी इस ओपन जेल की नजीर देता है. ऐसे में ओपन जेल की जमीन पर हॉस्पिटल बनाना गलत है.

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न्यायमित्र ने कहा कि 12 साल से यह मामला चल रहा है, लेकिन राज्य सरकार की मंशा जेलों में सुधार की नहीं है. ऐसे में न तो जेलकर्मियों की भर्ती हुई है और न ही जेलों में वीसी की सुचारू सुविधा है. ऐसे में 30 फीसदी अंडर ट्रायल बंदी ही कोर्ट में पेश हो पाते हैं, जबकि अदालत ने राज्य सरकार को जेलों में आधारभूत सुविधाएं व बंदियों के कल्याण के संबंध में कई बार दिशा-निर्देश दिए हैं. ऐसे में अदालती निर्देशों की पालना कराई जाए.

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