जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर स्थित देश की पहली ओपन जेल व उसके समीप की जमीन पर प्रस्तावित 300 बेड के हॉस्पिटल बनाए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से प्रदेश की जेलों व बंदियों के कल्याण के लिए पूर्व में दिए गए 45 बिन्दुओं पर पालना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह व भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह निर्देश जेलों में बंदियों की आधारभूत सुविधाओं से जुडे़ स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में न्यायमित्र की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि राज्य सरकार सांगानेर की ओपन जेल में हॉस्पिटल बनाने जा रही है और जेडीए के अफसरों को भी इस संबंध में जमीन का आवंटन करने के लिए कहा है. यह जेल देश की सबसे पहली ओपन जेल है और सुप्रीम कोर्ट भी इस ओपन जेल की नजीर देता है. ऐसे में ओपन जेल की जमीन पर हॉस्पिटल बनाना गलत है.
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न्यायमित्र ने कहा कि 12 साल से यह मामला चल रहा है, लेकिन राज्य सरकार की मंशा जेलों में सुधार की नहीं है. ऐसे में न तो जेलकर्मियों की भर्ती हुई है और न ही जेलों में वीसी की सुचारू सुविधा है. ऐसे में 30 फीसदी अंडर ट्रायल बंदी ही कोर्ट में पेश हो पाते हैं, जबकि अदालत ने राज्य सरकार को जेलों में आधारभूत सुविधाएं व बंदियों के कल्याण के संबंध में कई बार दिशा-निर्देश दिए हैं. ऐसे में अदालती निर्देशों की पालना कराई जाए.