जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने डेंटिस्ट की रिटायरमेंट उम्र से जुड़े मामले में कहा है कि वे भी 62 साल की उम्र पूरी होने तक सेवा में बने रहने के हकदार हैं. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता डेंटिस्ट को 62 साल की उम्र तक काम करते रहने के लिए कहा है.
अदालत ने राज्य सरकार को कहा कि यदि इस संबंध में कोई विपरीत आदेश जारी किया हो, तो उसे तत्काल वापस लिया जाए. सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ बंशीधर वर्मा की याचिका को मंजूर करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने सामान्य एमबीबीएस डॉक्टर्स की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दी है, लेकिन बीडीएस डॉक्टर्स यानि डेंटिस्ट की रिटायरमेंट उम्र 60 साल ही बरकरार रखी है. जबकि डेंटिस्ट व एमबीबीएस के भर्ती नियम समान ही हैं.
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याचिकाकर्ता 60 साल की उम्र पूरी होने पर 30 अप्रैल को रिटायर होने जा रहा है. इसलिए उसे 60 साल की बजाय 62 साल की उम्र पर रिटायर किया जाए और तब तक सेवा में बने रहने दिया जाए. जवाब में राज्य के एजी राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि एमबीबीएस एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट उम्र ही 60 साल से बढ़ाकर 62 साल की थी. जबकि इस मुद्दे से जुड़े मामले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के जरिए चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी खारिज हो गई है, लेकिन रिव्यू पिटिशन पेंडिंग है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर बीडीएस डॉक्टर के पक्ष में फैसला देते हुए उनकी रिटायरमेंट उम्र भी 62 साल मानी है.