जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पॉक्सो से जुड़े एक मामले में एफएसएल की रिपोर्ट आए बिना ही चालान पेश होने व केस की ट्रायल शुरू होने पर एफएसएल निदेशक को शुक्रवार को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही उनसे पूछा है कि एफएसएल रिपोर्ट आने में देरी क्यों हो रही है और इसमें एफएसएल गाइडलाइन की पालना क्यों नहीं की जा रही है. जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश आरोपी विनोद की जमानत अर्जी पर दिया.
आरोपी के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि उसके खिलाफ सवाईमाधोपुर के खंडार पुलिस थाने में अगस्त 2023 में पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ था. इस केस में न तो एफएसएल रिपोर्ट आई है और न ही मेडिकल बोर्ड ने अपना अंतिम नतीजा दिया है. इसके बावजूद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिया है और केस की ट्रायल शुरू हो चुकी है.
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ट्रायल के दौरान पीड़िता ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं होने की बात कही है. ऐसे में आरोपी को जमानत दी जाए. अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए घटना के छह महीने बाद भी एफएसएल रिपोर्ट नहीं आने को गंभीर माना. साथ ही एफएसएल निदेशक को रिपोर्ट में हो रही देरी पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है. गौरतलब है कि हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में एफएसएल रिपोर्ट अभियोजन पक्ष का अहम साक्ष्य होता है.