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केन्द्र सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज, वाहनों के फिटनेस पर अतिरिक्त फीस वसूली पर रहेगी रोक - Rajasthan High Court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 17, 2024, 8:55 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने वाहनों की फिटनेस से जुड़ी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त फीस वसूली पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है.

REFUSES TO REMOVE THE BAN,  COURT REFUSES TO REMOVE THE BAN
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने वाहनों का फिटनेस समाप्त होने के बाद पुन: फिटनेस कराने के बीच की अवधि में पचास रुपए प्रतिदिन की अतिरिक्त फीस वसूलने पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में केन्द्र सरकार की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश सतपाल मील व अन्य की याचिका में केंद्र सरकार की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने माना कि यह राशि फीस की श्रेणी में ना आकर पेनल्टी के रूप में आती है. ऐसे में इसकी वसूली नहीं हो सकती है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि अदालत ने गत दिनों वाहनों का फिटनेस समाप्त होने के बाद उसका नवीनीकरण कराने तक प्रतिदिन पचास रुपए अतिरिक्त फीस वसूलने पर रोक लगा दी थी. सरकार को फीस लेवी लगाने का अधिकार है. ऐसे में इस आदेश को संशोधित कर फीस वसूलने की छूट दी जाए. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि पचास रुपए अतिरिक्त फीस वसूलने का प्रावधान मोटर वाहन अधिनियम की धारा 211 के खिलाफ है.

पढ़ेंः धार्मिक भावनाओं के आधार पर वन भूमि पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं, पांच लाख रुपए का लगा हर्जाना - Rajasthan High Court

इस धारा में पेनल्टी का कोई प्रावधान ही नहीं है, जबकि सरकार अतिरिक्त फीस के नाम पर पेनल्टी वसूल रही है. ऐसे में फिटनेस शुल्क के अलावा अतिरिक्त फीस के नाम पर पेनल्टी नहीं वसूली जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने केन्द्र सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है. याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार ने 4 अक्टूबर, 2021 को अधिसूचना जारी की थी. इसके तहत फिटनेस समाप्त होने वाले वाहनों पर प्रतिदिन पचास रुपए की अतिरिक्त फीस वसूलने का प्रावधान किया गया था. इसे याचिका दायर कर चुनौती दी गई है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने वाहनों का फिटनेस समाप्त होने के बाद पुन: फिटनेस कराने के बीच की अवधि में पचास रुपए प्रतिदिन की अतिरिक्त फीस वसूलने पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में केन्द्र सरकार की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश सतपाल मील व अन्य की याचिका में केंद्र सरकार की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने माना कि यह राशि फीस की श्रेणी में ना आकर पेनल्टी के रूप में आती है. ऐसे में इसकी वसूली नहीं हो सकती है. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि अदालत ने गत दिनों वाहनों का फिटनेस समाप्त होने के बाद उसका नवीनीकरण कराने तक प्रतिदिन पचास रुपए अतिरिक्त फीस वसूलने पर रोक लगा दी थी. सरकार को फीस लेवी लगाने का अधिकार है. ऐसे में इस आदेश को संशोधित कर फीस वसूलने की छूट दी जाए. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि पचास रुपए अतिरिक्त फीस वसूलने का प्रावधान मोटर वाहन अधिनियम की धारा 211 के खिलाफ है.

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इस धारा में पेनल्टी का कोई प्रावधान ही नहीं है, जबकि सरकार अतिरिक्त फीस के नाम पर पेनल्टी वसूल रही है. ऐसे में फिटनेस शुल्क के अलावा अतिरिक्त फीस के नाम पर पेनल्टी नहीं वसूली जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने केन्द्र सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है. याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार ने 4 अक्टूबर, 2021 को अधिसूचना जारी की थी. इसके तहत फिटनेस समाप्त होने वाले वाहनों पर प्रतिदिन पचास रुपए की अतिरिक्त फीस वसूलने का प्रावधान किया गया था. इसे याचिका दायर कर चुनौती दी गई है.

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