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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री भाया की गिरफ्तारी पर लगाई रोक - former Minister Pramod Jain Bhaya

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 5, 2024, 10:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ अंता थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रमोद जैन भाया की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा है कि मामले में पुलिस अपना अनुसंधान जारी रख सकती है.

याचिका में कहा गया कि रामेश्वर खंडेलवाल ने गत 2 जनवरी को अंता थाने में याचिकाकर्ता और नगर पालिका के चैयरमेन मुस्तफा खान के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता और मुस्तफा खान ने मिलीभगत कर आमजन को लुभाकर वोट लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों से टेंडर प्रक्रिया अपनाई. वहीं, फर्जी टेंडर प्रक्रिया से प्रायोजित वर्क ऑर्डर और संपन्न कराए विकास कार्य से चुनाव में जनता को गुमराह किया.

इसे भी पढ़ें : टाइप टेस्ट पास नहीं करने पर कर्मचारी की पदोन्नति की निरस्त, हाईकोर्ट ने लगाई आदेश पर रोक

रिपोर्ट में कहा गया कि 9 अक्टूबर, 2023 को आचार संहिता लगने के बाद प्रमोद जैन भाया ने मिलीभगत कर प्रतिबंधित टेंडर ओपन कराए. इसके अलावा नोटशीट में काट छाट कर बैक डेट मे कार्रवाई दिखाई. जबकि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी तरह में टेंडर प्रक्रिया नहीं की जा सकती. एफआईआर को चुनौती देते हुए कहा गया कि रिपोर्ट राजनीतिक द्वेषता के चलते दर्ज कराई गई है. वहीं, एफआईआर में याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध साबित नहीं है, इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ अंता थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रमोद जैन भाया की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा है कि मामले में पुलिस अपना अनुसंधान जारी रख सकती है.

याचिका में कहा गया कि रामेश्वर खंडेलवाल ने गत 2 जनवरी को अंता थाने में याचिकाकर्ता और नगर पालिका के चैयरमेन मुस्तफा खान के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता और मुस्तफा खान ने मिलीभगत कर आमजन को लुभाकर वोट लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों से टेंडर प्रक्रिया अपनाई. वहीं, फर्जी टेंडर प्रक्रिया से प्रायोजित वर्क ऑर्डर और संपन्न कराए विकास कार्य से चुनाव में जनता को गुमराह किया.

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रिपोर्ट में कहा गया कि 9 अक्टूबर, 2023 को आचार संहिता लगने के बाद प्रमोद जैन भाया ने मिलीभगत कर प्रतिबंधित टेंडर ओपन कराए. इसके अलावा नोटशीट में काट छाट कर बैक डेट मे कार्रवाई दिखाई. जबकि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी तरह में टेंडर प्रक्रिया नहीं की जा सकती. एफआईआर को चुनौती देते हुए कहा गया कि रिपोर्ट राजनीतिक द्वेषता के चलते दर्ज कराई गई है. वहीं, एफआईआर में याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध साबित नहीं है, इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

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