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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर लगाई अंतरिम रोक - Rajasthan High Court

stay on the promotion of employees राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर अंतरिम रोक लगा दी है.

STAY ON THE PROMOTION OF EMPLOYEES,  HIGH COURT PUT AN INTERIM STAY
राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश (ETV Bharat gfx)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 30, 2024, 8:17 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्मिक विभाग के 16 मार्च, 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को संबंधित सालों से पदोन्नत करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कार्मिक विभाग, प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी सहित अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश बारां व झालावाड़ के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व जयदीप की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि किसी भी कर्मचारी की योग्यता को उसकी सेवा के पिछले सालों से कैसे तय किया जा सकता है?. हाईकोर्ट के इस अंतरिम आदेश से 125 सरकारी विभागों के कर्मचारी प्रभावित होंगे.

कार्मिक विभाग ने निकाली थी अधिसूचनाः याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने बताया कि राज्य सरकार ने एक जून 2002 या इसके बाद दो से ज्यादा संतान वाले सरकारी कर्मचारियों को तीन व पांच अवसरों तक पदोन्नति से वंचित रखा था. वहीं, कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को एक अधिसूचना निकालकर कहा कि किसी भी कर्मचारी को केवल ज्यादा संतान होने के चलते पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसे में जिन कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित किया है, उन्हें उनके पदोन्नति वर्ष से ही इसका लाभ दिया जाएगा.

पढ़ेंः कार्य ग्रहण करने के लिए समय मांगा तो उम्मीदवारी कर दी निरस्त, हाईकोर्ट ने दिया नोटिस - Rajasthan High Court

हाईकोर्ट में दी चुनौतीः इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि पिछली तारीखों से किसी भी कर्मचारी की योग्यता के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती. वहीं, इस अधिसूचना के जरिए वो कर्मचारी पदोन्नत होंगे, जिन्हें पहले अयोग्य माना जा चुका है. इस कारण याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति भी प्रभावित होगी और वे वरिष्ठता में उनसे नीचे चले जाएंगे, इसलिए 16 मार्च 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस अधिसूचना के आधार पर किसी भी कर्मचारी को आगामी आदेश तक पदोन्नति नहीं देने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्मिक विभाग के 16 मार्च, 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को संबंधित सालों से पदोन्नत करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कार्मिक विभाग, प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी सहित अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश बारां व झालावाड़ के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व जयदीप की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि किसी भी कर्मचारी की योग्यता को उसकी सेवा के पिछले सालों से कैसे तय किया जा सकता है?. हाईकोर्ट के इस अंतरिम आदेश से 125 सरकारी विभागों के कर्मचारी प्रभावित होंगे.

कार्मिक विभाग ने निकाली थी अधिसूचनाः याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने बताया कि राज्य सरकार ने एक जून 2002 या इसके बाद दो से ज्यादा संतान वाले सरकारी कर्मचारियों को तीन व पांच अवसरों तक पदोन्नति से वंचित रखा था. वहीं, कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को एक अधिसूचना निकालकर कहा कि किसी भी कर्मचारी को केवल ज्यादा संतान होने के चलते पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसे में जिन कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित किया है, उन्हें उनके पदोन्नति वर्ष से ही इसका लाभ दिया जाएगा.

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हाईकोर्ट में दी चुनौतीः इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि पिछली तारीखों से किसी भी कर्मचारी की योग्यता के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती. वहीं, इस अधिसूचना के जरिए वो कर्मचारी पदोन्नत होंगे, जिन्हें पहले अयोग्य माना जा चुका है. इस कारण याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति भी प्रभावित होगी और वे वरिष्ठता में उनसे नीचे चले जाएंगे, इसलिए 16 मार्च 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस अधिसूचना के आधार पर किसी भी कर्मचारी को आगामी आदेश तक पदोन्नति नहीं देने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

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