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तीस जून को रिटायर हुए कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने के आदेश - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तीस जून को रिटायर हुए कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने के आदेश दिए हैं.

HIGH COURT ORDERS,  ORDERS GIVE ANNUAL SALARY INCREASE
तीस जून को रिटायर हुए कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने के आदेश.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 29, 2024, 8:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तीस जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए उन्हें एक जुलाई को होने वाली वेतन वृद्धि का लाभ दिया है. अदालत ने संबंधित कर्मचारियों को एक वार्षिक वेतन वृद्धि की गणना कर एरियर भी देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश शंभू दयाल नागर व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ग्राम विकास अधिकारी के पद से 30 जून, 2021 को रिटायर हुए थे. सिविल सेवा संशोधित नियम, 2008 के तहत कर्मचारियों को एक साल की सेवा पूरी करने के बाद एक जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि अग्रिम देने के बजाए एक साल की सेवा करने के बाद में दी जाती है. ऐसे में याचिकाकर्ता एक साल की सेवा पूरी कर तीस जून को रिटायर हुए हैं, इसलिए उन्हें उस वर्ष काम करने के चलते एक जुलाई को मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवीक्षा काल में किए जेईएन के तबादले पर लगाई रोक - Rajasthan High Court

याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पूर्व में तय कर चुके हैं कि वेतन वृद्धि देने के लिए यह नहीं देखा जाएगा कि कर्मचारी सेवा में हैं या नहीं. जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वार्षिक वेतन वृद्धि हर साल 1 जुलाई को दी जाती है. यह उन कर्मचारियों को ही दी जाती है, जो सेवा में होते हैं. याचिकाकर्ता एक दिन पूर्व ही 30 जून को सेवानिवृत हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा सकता. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह याचिकाकर्ताओं को एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तीस जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए उन्हें एक जुलाई को होने वाली वेतन वृद्धि का लाभ दिया है. अदालत ने संबंधित कर्मचारियों को एक वार्षिक वेतन वृद्धि की गणना कर एरियर भी देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश शंभू दयाल नागर व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ग्राम विकास अधिकारी के पद से 30 जून, 2021 को रिटायर हुए थे. सिविल सेवा संशोधित नियम, 2008 के तहत कर्मचारियों को एक साल की सेवा पूरी करने के बाद एक जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि अग्रिम देने के बजाए एक साल की सेवा करने के बाद में दी जाती है. ऐसे में याचिकाकर्ता एक साल की सेवा पूरी कर तीस जून को रिटायर हुए हैं, इसलिए उन्हें उस वर्ष काम करने के चलते एक जुलाई को मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए.

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याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पूर्व में तय कर चुके हैं कि वेतन वृद्धि देने के लिए यह नहीं देखा जाएगा कि कर्मचारी सेवा में हैं या नहीं. जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वार्षिक वेतन वृद्धि हर साल 1 जुलाई को दी जाती है. यह उन कर्मचारियों को ही दी जाती है, जो सेवा में होते हैं. याचिकाकर्ता एक दिन पूर्व ही 30 जून को सेवानिवृत हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा सकता. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह याचिकाकर्ताओं को एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दे.

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