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रीट पेपर लीक प्रकरण के आरोपी को मिली जमानत - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

REET paper leak case राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती पेपर लीक मामले में आरोपी राजू राम को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

ACCUSED IN REET PAPER LEAK,  REET PAPER LEAK CASE
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 24, 2024, 7:54 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती पेपर लीक मामले में पेपर बेचने के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी राजू राम को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की चौथी जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं, लेकिन मामला मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा विचारणीय है. निचली अदालत से मिली प्रगति रिपोर्ट से साबित है कि प्रकरण में अभी तक याचिकाकर्ता पर चार्ज फ्रेम नहीं हुए हैं, जबकि वह करीब 27 माह से जेल में बंद है. ऐसे में मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगने की संभावना को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ दिया जाता है.

पढ़ेंः अब REET पेपर लीक में ईडी की एंट्री, परीक्षा का जयपुर जिला कोर्डिनेटर प्रदीप पाराशर गिरफ्तार - REET paper leaked

जमानत याचिका में अधिवक्ता बलराम वशिष्ठ ने बताया कि मामले में उसके खिलाफ गंगापुर सिटी थाने में मामला दर्ज हुआ था. प्रकरण में मुख्य आरोपी रामकृपाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. याचिकाकर्ता 22 जून, 2022 से जेल में है और अभी तक चार्ज फ्रेम नहीं हुए हैं, जबकि प्रकरण में अधिकतम सात साल तक की सजा का ही प्रावधान है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील देवी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने रीट परीक्षा से पहले पेपर हासिल कर उसे लाखों रुपए में बेचा है. उसके खिलाफ 35 आपराधिक प्रकरण पहले से ही दर्ज हैं. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती पेपर लीक मामले में पेपर बेचने के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी राजू राम को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की चौथी जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं, लेकिन मामला मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा विचारणीय है. निचली अदालत से मिली प्रगति रिपोर्ट से साबित है कि प्रकरण में अभी तक याचिकाकर्ता पर चार्ज फ्रेम नहीं हुए हैं, जबकि वह करीब 27 माह से जेल में बंद है. ऐसे में मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगने की संभावना को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ दिया जाता है.

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जमानत याचिका में अधिवक्ता बलराम वशिष्ठ ने बताया कि मामले में उसके खिलाफ गंगापुर सिटी थाने में मामला दर्ज हुआ था. प्रकरण में मुख्य आरोपी रामकृपाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. याचिकाकर्ता 22 जून, 2022 से जेल में है और अभी तक चार्ज फ्रेम नहीं हुए हैं, जबकि प्रकरण में अधिकतम सात साल तक की सजा का ही प्रावधान है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील देवी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने रीट परीक्षा से पहले पेपर हासिल कर उसे लाखों रुपए में बेचा है. उसके खिलाफ 35 आपराधिक प्रकरण पहले से ही दर्ज हैं. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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