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हाईकोर्ट ने दिए पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान वरिष्ठता देने के आदेश - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल प्रथम भर्ती-2022 से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान याचिकाकर्ताओं को वरिष्ठता देने के आदेश दिए हैं.

ORDERED TO GIVE SENIORITY,  HIGH COURT ORDERED
राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश (ETV Bharat gfx)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 9:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल प्रथम भर्ती-2022 में बाद में नियुक्त हुए अभ्यर्थियों को पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान वेतन परिलाभ और वरिष्ठता देने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश मनीष कुमार शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि पंचायती राज विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल प्रथम के पदों पर वर्ष 2022 में भर्ती निकाली थी. भर्ती के संशोधित परिणाम में याचिकाकर्ता का चयन हुआ था और उसे गत जून माह में अजमेर जिले में नियुक्ति दी गई, जबकि भर्ती में उससे कम अंक लाने वाले दूसरे अभ्यर्थियों को वर्ष 2023 में अलग-अलग समय पर नियुक्ति दी गई.

पढ़ेंः कोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार भर्ती के विवादित उत्तर कुंजी को लेकर मांगा जवाब - Rajasthan High Court

याचिका में कहा गया कि समान भर्ती में विभिन्न समय पर नियुक्ति होने पर सभी अभ्यर्थियों को एक समान वरिष्ठता और वेतन परिलाभ मिलना चाहिए. वहीं, याचिकाकर्ता को अदालती रोक के कारण तय समय पर नियुक्ति नहीं मिल सकी थी. जिसमें याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं थी. ऐसे में अब उसे वरिष्ठता और सेवा परिलाभ से वंचित नहीं किया जा सकता, इसलिए भर्ती में पूर्व में नियुक्त अन्य शिक्षकों के समान याचिकाकर्ता को वेतन परिलाभ और वरिष्ठता का लाभ दिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पूर्व में नियुक्त अभ्यर्थियों के समान समस्त परिलाभ व वरिष्ठता का लाभ देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल प्रथम भर्ती-2022 में बाद में नियुक्त हुए अभ्यर्थियों को पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान वेतन परिलाभ और वरिष्ठता देने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश मनीष कुमार शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि पंचायती राज विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल प्रथम के पदों पर वर्ष 2022 में भर्ती निकाली थी. भर्ती के संशोधित परिणाम में याचिकाकर्ता का चयन हुआ था और उसे गत जून माह में अजमेर जिले में नियुक्ति दी गई, जबकि भर्ती में उससे कम अंक लाने वाले दूसरे अभ्यर्थियों को वर्ष 2023 में अलग-अलग समय पर नियुक्ति दी गई.

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याचिका में कहा गया कि समान भर्ती में विभिन्न समय पर नियुक्ति होने पर सभी अभ्यर्थियों को एक समान वरिष्ठता और वेतन परिलाभ मिलना चाहिए. वहीं, याचिकाकर्ता को अदालती रोक के कारण तय समय पर नियुक्ति नहीं मिल सकी थी. जिसमें याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं थी. ऐसे में अब उसे वरिष्ठता और सेवा परिलाभ से वंचित नहीं किया जा सकता, इसलिए भर्ती में पूर्व में नियुक्त अन्य शिक्षकों के समान याचिकाकर्ता को वेतन परिलाभ और वरिष्ठता का लाभ दिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पूर्व में नियुक्त अभ्यर्थियों के समान समस्त परिलाभ व वरिष्ठता का लाभ देने को कहा है.

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