जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने ईओ और आरओ भर्ती की परीक्षा में नकल कराने से जुडे़ मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी लिलिपाल, कमलकांत और रामलाल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि तीनों आरोपी परीक्षा में परीक्षार्थी के रूप में शामिल नहीं हुए थे. वहीं, उनकी सिम का उपयोग सह आरोपियों की ओर से करना बताया गया है. इसके अलावा उन पर यह भी आरोप नहीं है कि उन्होंने सिम का स्वयं न उपयोग करके ब्लूटूथ के माध्यम से परीक्षा में अन्य अभ्यर्थियों को नकल कराई है. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.
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याचिका में अधिवक्ता शफीकुर रहमान ने अदालत को बताया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है और वे परीक्षा में भी नहीं बैठे थे. याचिकाकर्ताओं की सिम का उपयोग दूसरे आरोपियों ने किया था और याचिकाकर्ताओं को यह जानकारी भी नहीं थी कि उनकी सिम का नकल में उपयोग होगा. इसके अलावा याचिकाकर्ता दो माह से अधिक अवधि से जेल में बंद हैं.
वहीं, प्रकरण की मुख्य आरोपी भावना को पूर्व में जमानत का लाभ दिया जा चुका है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी सिम परीक्षा में नकल कराने के लिए अन्य सह आरोपियों को उपलब्ध कराई है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.