ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षा में नकल कराने से जुडे़ मामले में आरोपियों को दी जमानत - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षा में नकल कराने से जुड़े मामले में आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

HIGH COURT ORDERED,  CHEATING IN RECRUITMENT EXAM
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 30, 2024, 8:59 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने ईओ और आरओ भर्ती की परीक्षा में नकल कराने से जुडे़ मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी लिलिपाल, कमलकांत और रामलाल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि तीनों आरोपी परीक्षा में परीक्षार्थी के रूप में शामिल नहीं हुए थे. वहीं, उनकी सिम का उपयोग सह आरोपियों की ओर से करना बताया गया है. इसके अलावा उन पर यह भी आरोप नहीं है कि उन्होंने सिम का स्वयं न उपयोग करके ब्लूटूथ के माध्यम से परीक्षा में अन्य अभ्यर्थियों को नकल कराई है. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.

पढ़ेंः भर्ती में हाइट कम नापने को हाईकोर्ट में चुनौती, जज ने मौके पर ही मशीन मंगाकर नपवाई ऊंचाई

याचिका में अधिवक्ता शफीकुर रहमान ने अदालत को बताया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है और वे परीक्षा में भी नहीं बैठे थे. याचिकाकर्ताओं की सिम का उपयोग दूसरे आरोपियों ने किया था और याचिकाकर्ताओं को यह जानकारी भी नहीं थी कि उनकी सिम का नकल में उपयोग होगा. इसके अलावा याचिकाकर्ता दो माह से अधिक अवधि से जेल में बंद हैं.

वहीं, प्रकरण की मुख्य आरोपी भावना को पूर्व में जमानत का लाभ दिया जा चुका है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी सिम परीक्षा में नकल कराने के लिए अन्य सह आरोपियों को उपलब्ध कराई है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने ईओ और आरओ भर्ती की परीक्षा में नकल कराने से जुडे़ मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी लिलिपाल, कमलकांत और रामलाल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि तीनों आरोपी परीक्षा में परीक्षार्थी के रूप में शामिल नहीं हुए थे. वहीं, उनकी सिम का उपयोग सह आरोपियों की ओर से करना बताया गया है. इसके अलावा उन पर यह भी आरोप नहीं है कि उन्होंने सिम का स्वयं न उपयोग करके ब्लूटूथ के माध्यम से परीक्षा में अन्य अभ्यर्थियों को नकल कराई है. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.

पढ़ेंः भर्ती में हाइट कम नापने को हाईकोर्ट में चुनौती, जज ने मौके पर ही मशीन मंगाकर नपवाई ऊंचाई

याचिका में अधिवक्ता शफीकुर रहमान ने अदालत को बताया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है और वे परीक्षा में भी नहीं बैठे थे. याचिकाकर्ताओं की सिम का उपयोग दूसरे आरोपियों ने किया था और याचिकाकर्ताओं को यह जानकारी भी नहीं थी कि उनकी सिम का नकल में उपयोग होगा. इसके अलावा याचिकाकर्ता दो माह से अधिक अवधि से जेल में बंद हैं.

वहीं, प्रकरण की मुख्य आरोपी भावना को पूर्व में जमानत का लाभ दिया जा चुका है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी सिम परीक्षा में नकल कराने के लिए अन्य सह आरोपियों को उपलब्ध कराई है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.