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राजस्थान हाईकोर्ट: सूचना सहायक भर्ती की चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश - rajasthan highcourt Order

राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना सहायक भर्ती की चयन प्रक्रिया में शामिल एक महिला को राहत प्रदान की है. कोर्ट ने महिला को टाइप टेस्ट में शामिल करने के आदेश दिए हैं.

RAJASTHAN HIGHCOURT ORDER
सूचना सहायक भर्ती की चयन प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 26, 2024, 7:59 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना सहायक भर्ती- 2023 के ओबीसी तलाकशुदा महिला श्रेणी में कट ऑफ से ज्यादा अंक लाने वाली अभ्यर्थी को टाइप टेस्ट में शामिल करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश निधि सिंह पंवार की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि याचिकाकर्ता ने सूचना सहायक भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी और उसने ओबीसी तलाकशुदा श्रेणी की कट ऑफ से ज्यादा अंक प्राप्त किए. उसे आगामी टाइप टेस्ट में यह कहते हुए शामिल नहीं किया कि उसने भर्ती परीक्षा के पेपर में 10 फीसदी सवालों को हल करने का प्रयास नहीं किया और उन्हें रिक्त छोड़ा है. ऐसा भर्ती परीक्षा के नियमों के विपरीत है. इसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि परीक्षा पेपर सिलेबस के अनुसार नहीं आया था.

पढ़ें: अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अफसरों को अवमानना नोटिस

प्रश्न पत्र में टेक्निकल पार्ट के 70 प्रतिशत व नॉन टेक्निकल पार्ट से 30 प्रतिशत प्रश्न आने थे, लेकिन टेक्निकल पार्ट के 9 प्रतिशत प्रश्न कम आए थे और नॉन टेक्निकल के ज्यादा प्रश्न आए थे. इसके अलावा 7 प्रश्नों को डिलीट भी कर दिया गया. ऐसे में उसे नॉन टेक्निकल पार्ट के प्रश्नों को देखने में ज्यादा समय लगा और इससे वह ज्यादा प्रश्न हल नहीं कर सकी, इसलिए उस पर भर्ती के 10 प्रतिशत प्रश्नों को छोड़ने का प्रावधान लागू नहीं होता. उसे टाइप टेस्ट में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को टाइप टेस्ट में शामिल करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना सहायक भर्ती- 2023 के ओबीसी तलाकशुदा महिला श्रेणी में कट ऑफ से ज्यादा अंक लाने वाली अभ्यर्थी को टाइप टेस्ट में शामिल करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश निधि सिंह पंवार की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि याचिकाकर्ता ने सूचना सहायक भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी और उसने ओबीसी तलाकशुदा श्रेणी की कट ऑफ से ज्यादा अंक प्राप्त किए. उसे आगामी टाइप टेस्ट में यह कहते हुए शामिल नहीं किया कि उसने भर्ती परीक्षा के पेपर में 10 फीसदी सवालों को हल करने का प्रयास नहीं किया और उन्हें रिक्त छोड़ा है. ऐसा भर्ती परीक्षा के नियमों के विपरीत है. इसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि परीक्षा पेपर सिलेबस के अनुसार नहीं आया था.

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प्रश्न पत्र में टेक्निकल पार्ट के 70 प्रतिशत व नॉन टेक्निकल पार्ट से 30 प्रतिशत प्रश्न आने थे, लेकिन टेक्निकल पार्ट के 9 प्रतिशत प्रश्न कम आए थे और नॉन टेक्निकल के ज्यादा प्रश्न आए थे. इसके अलावा 7 प्रश्नों को डिलीट भी कर दिया गया. ऐसे में उसे नॉन टेक्निकल पार्ट के प्रश्नों को देखने में ज्यादा समय लगा और इससे वह ज्यादा प्रश्न हल नहीं कर सकी, इसलिए उस पर भर्ती के 10 प्रतिशत प्रश्नों को छोड़ने का प्रावधान लागू नहीं होता. उसे टाइप टेस्ट में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को टाइप टेस्ट में शामिल करने के आदेश दिए हैं.

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