ETV Bharat / state

दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों की पदोन्नति की राह खुली, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों की पदोन्नति से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की.

COURT MODIFIED THE ORDER,  ORDER BANNING THE PROMOTION
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 25, 2024, 8:08 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्मिक विभाग के 16 मार्च, 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को संबंधित सालों से पदोन्नत करने के मामले में रोक लगाने के आदेश को संशोधित कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने पदोन्नति पर लगी रोक को हटाते हुए होने वाली पदोन्नतियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश संतोष व अन्य की याचिका पर राज्य सरकार की ओर से दायर स्टे प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग ने 16 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी कर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को संबंधित सालों से पदोन्नत करने का प्रावधान किया था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने गत अगस्त माह में अंतरिम आदेश जारी कर पदोन्नतियों पर रोक लगा दी थी, जबकि अंतरिम आदेश के जरिए पूरी पदोन्नति प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता. इसके अलावा याचिकाकर्ता को पूर्व में दी गई पदोन्नति इस अधिसूचना से प्रभावित नहीं हो रही है, इसलिए पूर्व में दिए आदेश को वापस लिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने पूर्व में दिए आदेश को संशोधित करते हुए पदोन्नतियों पर लगी रोक को हटाते हुए उसे याचिका के निर्णयाधीन रखा है.

पढ़ेंः शिक्षक की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी, हाईकोर्ट ने लगाई आदेश पर रोक

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने एक जून 2002 या इसके बाद दो से ज्यादा संतान वाले सरकारी कर्मचारियों को तीन व पांच अवसरों तक पदोन्नति से वंचित रख रखा था. वहीं, कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को एक अधिसूचना निकाल कर कहा कि किसी भी कर्मचारी को केवल ज्यादा संतान होने के चलते पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसे में जिन कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित किया है, उन्हें उनके पदोन्नति वर्ष से ही इसका लाभ दिया जाएगा. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि पिछली तारीखों से किसी भी कर्मचारी की योग्यता के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती. वहीं, इस अधिसूचना के जरिए वो कर्मचारी पदोन्नत होंगे, जिन्हें पहले अयोग्य माना जा चुका है. इस कारण याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति भी प्रभावित होगी और वे वरिष्ठता में उनसे नीचे चले जाएंगे, इसलिए 16 मार्च 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जाए.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्मिक विभाग के 16 मार्च, 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को संबंधित सालों से पदोन्नत करने के मामले में रोक लगाने के आदेश को संशोधित कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने पदोन्नति पर लगी रोक को हटाते हुए होने वाली पदोन्नतियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश संतोष व अन्य की याचिका पर राज्य सरकार की ओर से दायर स्टे प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग ने 16 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी कर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को संबंधित सालों से पदोन्नत करने का प्रावधान किया था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने गत अगस्त माह में अंतरिम आदेश जारी कर पदोन्नतियों पर रोक लगा दी थी, जबकि अंतरिम आदेश के जरिए पूरी पदोन्नति प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता. इसके अलावा याचिकाकर्ता को पूर्व में दी गई पदोन्नति इस अधिसूचना से प्रभावित नहीं हो रही है, इसलिए पूर्व में दिए आदेश को वापस लिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने पूर्व में दिए आदेश को संशोधित करते हुए पदोन्नतियों पर लगी रोक को हटाते हुए उसे याचिका के निर्णयाधीन रखा है.

पढ़ेंः शिक्षक की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी, हाईकोर्ट ने लगाई आदेश पर रोक

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने एक जून 2002 या इसके बाद दो से ज्यादा संतान वाले सरकारी कर्मचारियों को तीन व पांच अवसरों तक पदोन्नति से वंचित रख रखा था. वहीं, कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को एक अधिसूचना निकाल कर कहा कि किसी भी कर्मचारी को केवल ज्यादा संतान होने के चलते पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता. ऐसे में जिन कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित किया है, उन्हें उनके पदोन्नति वर्ष से ही इसका लाभ दिया जाएगा. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि पिछली तारीखों से किसी भी कर्मचारी की योग्यता के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती. वहीं, इस अधिसूचना के जरिए वो कर्मचारी पदोन्नत होंगे, जिन्हें पहले अयोग्य माना जा चुका है. इस कारण याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति भी प्रभावित होगी और वे वरिष्ठता में उनसे नीचे चले जाएंगे, इसलिए 16 मार्च 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.