जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व प्राथमिक कक्षाओं पीपी3 प्लस में आरटीई के तहत दिए प्रवेश की राशि का पुनर्भरण नहीं करने से जुडे़ मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में प्रमुख स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के संगठन स्कूल क्रांति संघ की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने गत वर्ष आदेश दिए थे कि निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व प्राथमिक कक्षा पीपी3 प्लस में विद्यार्थियों को प्रवेश दे. साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि वह इस राशि का पुनर्भरण करे.
पढ़ेंः अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अफसरों को अवमानना नोटिस जारी - Rajasthan High Court
अवमानना याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने हाल ही शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए जारी गाइड लाइन में प्रावधान किया है कि पूर्व प्राथमिक कक्षा पीपी3 प्लस में आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों की फीस का पुनर्भरण उनके कक्षा एक जाने के बाद किया जाएगा. याचिका में कहा गया कि यह प्रावधान हाईकोर्ट की ओर से दिए आदेश की अवमानना करने वाला है. अदालती आदेश की पालना में हर साल राशि का पुनर्भरण होना चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.