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अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अफसरों को अवमानना नोटिस जारी - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

COURT ISSUED CONTEMPT NOTICE,  NOTICE TO CHIEF MEDICAL SECRETARY
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 7, 2024, 7:44 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक, अजमेर सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश किरण कुमार बेदी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 में आवेदन किया था. भर्ती की मेरिट में आने पर विभाग ने उसके दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया था, लेकिन अनुभव प्रमाण पत्र पर अधिकारियों के काउंटर साइन नहीं होने के कारण उसे चयन सूची में शामिल नहीं किया गया. याचिकाकर्ता ने एफआरएचएस संस्था के जरिए विभाग की परिवार नियोजन स्कीम में काम किया था. इस पर हाईकोर्ट ने गत 6 दिसंबर को विभाग को निर्देश दिए थे कि वह अनुभव प्रमाण पत्र के संबंध में बनाई पॉलिसी के अनुसार याचिकाकर्ता का अनुभव प्रमाण पत्र बनाए और उसे चयन प्रक्रिया में शामिल करे.

पढ़ेंः बरसाती नाले को लेकर पेश हुई रिपोर्ट पर कोर्ट नाराज, कलेक्टर सहित इन्हें मिली अवमानना नोटिस - Rajasthan High Court

याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में याचिकाकर्ता ने विभाग में अपना अभ्यावेदन और अदालती आदेश की जानकारी दी थी. विभाग के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के अनुभव प्रमाण पत्र के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि समान अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र काउंटर साइन के साथ जारी किए गए. ऐसे में अदालती आदेश की अवहेलना करने वाले दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक, अजमेर सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश किरण कुमार बेदी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 में आवेदन किया था. भर्ती की मेरिट में आने पर विभाग ने उसके दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया था, लेकिन अनुभव प्रमाण पत्र पर अधिकारियों के काउंटर साइन नहीं होने के कारण उसे चयन सूची में शामिल नहीं किया गया. याचिकाकर्ता ने एफआरएचएस संस्था के जरिए विभाग की परिवार नियोजन स्कीम में काम किया था. इस पर हाईकोर्ट ने गत 6 दिसंबर को विभाग को निर्देश दिए थे कि वह अनुभव प्रमाण पत्र के संबंध में बनाई पॉलिसी के अनुसार याचिकाकर्ता का अनुभव प्रमाण पत्र बनाए और उसे चयन प्रक्रिया में शामिल करे.

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याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में याचिकाकर्ता ने विभाग में अपना अभ्यावेदन और अदालती आदेश की जानकारी दी थी. विभाग के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के अनुभव प्रमाण पत्र के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि समान अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र काउंटर साइन के साथ जारी किए गए. ऐसे में अदालती आदेश की अवहेलना करने वाले दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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