जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 फरवरी सहित आगामी महीनों में रिटायर हो रहे आयुर्वेद डॉक्टर्स को राहत देते हुए राज्य सरकार को कहा है कि उन्हें एलोपैथी डॉक्टर्स के समान ही 62 साल तक कार्य करते रहने दिया जाए. अदालत ने यह आदेश डॉ. महेन्द्र सिंह व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता आयुर्वेद चिकित्सक हैं और 29 फरवरी सहित आगामी महीनों में 60 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं. राज्य सरकार उन्हें 60 साल की आयु पर ही रिटायर करने जा रही है, जबकि हाईकोर्ट ने 13 जुलाई 2022 को आदेश जारी कर आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी, 2024 को आदेश जारी कर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया था और हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था, इसलिए याचिकाकर्ताओं को 62 साल की आयु में ही रिटायर किया जाए.
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इसके जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि इस मुद्दे से जुड़े अन्य मामले में राज्य सरकार रिव्यू पिटीशन दायर करने जा रही है. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर नहीं हुई है. ऐसे में हाईकोर्ट का आयुर्वेद डॉक्टर्स को 62 साल की आयु में ही रिटायर करने का आदेश अभी भी यथावत है, इसलिए प्रार्थियों को 62 साल की आयु तक ही काम करने दिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं को 62 साल की उम्र तक काम करने दें.