जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने देश में चल रही मालगाड़ियों में लगे बुगी माउटेड ब्रेक सिस्टम में खामियों को लेकर रेलवे बोर्ड, रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन और मैसर्स नोर ब्रेक्से इंडिया प्रा. लि. सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश हरिसिंह व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
जनहित याचिका में अधिवक्ता प्रवीण बलवदा और भावना चौधरी बलवदा ने अदालत को बताया कि देश में चल रही मालगाड़ियों में बीएमबीएस का ब्रेकिंग सिस्टम लगा हुआ है. इसे जर्मनी की कंपनी नोर ब्रेक्से सप्लाई करती है. यह ब्रेकिंग सिस्टम में खामियां हैं, जिसके कारण मालगाड़ी की दुर्घटनाएं हो रही हैं. रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने 15 जुलाई, 2022 की अपनी रिपोर्ट में माना कि फुल सर्विस ब्रेकिंग के बाद मालगाड़ी 18 से 30 सेकंड में रुकनी चाहिए, जबकि वास्तव में यह 45 से 60 सेकंड में रुक रही है. इसके साथ ही इस कंपनी को भी डी-लिस्ट किया गया था.
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मालगाड़ियों की दुर्घटनाओं का मामला बीते साल संसद में भी उठाया गया था. याचिका में कहा गया कि ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने भी मालगाड़ी के ब्रेकिंग सिस्टम की शिकायत की थी. वहीं, रेलवे बोर्ड ने नवंबर, 2023 में इसी कंपनी को ब्रेकिंग सिस्टम अपग्रेड करने को कहा. इस पर कंपनी ने ब्रेक में लगने वाले दस इंच के सिलेंडर को बढ़ाकर 11 इंच का कर दिया. इस दौरान इसकी टेस्टिंग भी नहीं की गई. याचिका में बताया गया कि सेफ्टी कमीशन ने ब्रेक ब्लॉक फोर्स 2160 किलोग्राम तक होना बताया, जबकि अपग्रेड के बाद यह 2500 किलोग्राम के ऊपर जा रहा है. याचिका में आरोप लगाया गया कि इस कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की अवहेलना की जा रही है. वहीं, मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग में भी शिकायत लंबित चल रही है. ऐसे में मालगाड़ियों के दोषपूर्ण ब्रेकिंग सिस्टम को दूर किया जाए और टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.