ETV Bharat / state

20 साल की उम्र में दुष्कर्म का प्रयास, 59 साल की उम्र में काटनी होगी सजा - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के प्रयास के मामले में अभियुक्त को सरेंडर करने को कहा है.

COURT HAS ORDERED THE ACCUSED,  ATTEMPT TO RAPE CASE
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2024, 8:26 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने फरवरी, 1985 में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास करने से जुडे़ मामले में वर्ष 1992 में दायर अपील को खारिज कर याचिकाकर्ता अभियुक्त को शेष सजा भुगतने के लिए सरेंडर करने को कहा है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश शिव प्रकाश की याचिका पर दिया. घटना के समय अभियुक्त 20 साल का था. वहीं, अब 59 साल की उम्र में फैसला आया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह दुष्कर्म के प्रयास का स्पष्ट मामला है. याचिका में अधिवक्ता प्रणव पारीक ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 7 फरवरी, 1985 को दुष्कर्म के प्रयास का मामला बारां थाने में दर्ज कराया था. इसमें एडीजे कोर्ट ने 18 दिसंबर, 1991 में याचिकाकर्ता को पांच साल की सजा सुनाई थी.

पढ़ेंः Rajasthan: 39 साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास, हाईकोर्ट ने सजा के आदेश में दखल से किया इनकार

मामले में पीड़िता के अलावा कोई स्वतंत्र गवाह भी नहीं था. इसके अलावा मेडिकल में पीड़िता के चोट भी नहीं मिली. वहीं, सरकारी पक्ष की ओर से अधिवक्ता मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि एफएसएल जांच में दुष्कर्म का प्रयास साबित है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता अभियुक्त को शेष सजा भुगतने के लिए सरेंडर करने को कहा है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने फरवरी, 1985 में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास करने से जुडे़ मामले में वर्ष 1992 में दायर अपील को खारिज कर याचिकाकर्ता अभियुक्त को शेष सजा भुगतने के लिए सरेंडर करने को कहा है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश शिव प्रकाश की याचिका पर दिया. घटना के समय अभियुक्त 20 साल का था. वहीं, अब 59 साल की उम्र में फैसला आया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह दुष्कर्म के प्रयास का स्पष्ट मामला है. याचिका में अधिवक्ता प्रणव पारीक ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 7 फरवरी, 1985 को दुष्कर्म के प्रयास का मामला बारां थाने में दर्ज कराया था. इसमें एडीजे कोर्ट ने 18 दिसंबर, 1991 में याचिकाकर्ता को पांच साल की सजा सुनाई थी.

पढ़ेंः Rajasthan: 39 साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास, हाईकोर्ट ने सजा के आदेश में दखल से किया इनकार

मामले में पीड़िता के अलावा कोई स्वतंत्र गवाह भी नहीं था. इसके अलावा मेडिकल में पीड़िता के चोट भी नहीं मिली. वहीं, सरकारी पक्ष की ओर से अधिवक्ता मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि एफएसएल जांच में दुष्कर्म का प्रयास साबित है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता अभियुक्त को शेष सजा भुगतने के लिए सरेंडर करने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.