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हाईकोर्ट ने कर चोरी के आरोपी को मिली जमानत की रद्द, 30 दिन में सरेंडर करने के आदेश - High Court cancels bail

राजस्थान हाईकोर्ट ने कर चोरी के मामले में आरोपी को मिली जमानत को रद्द करते हुए 30 दिन में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं.

TAX EVASION ACCUSED,  ORDERS ACCUSED TO SURRENDER
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 29, 2024, 9:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कर चोरी के मामले में आरोपी गौतम गर्ग को मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को कहा है कि वह तीस दिन में निचली अदालत में सरेंडर करे. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश केंद्र सरकार की ओर से दायर जमानत रद्द करने के लिए पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

7.48 करोड़ की कर चोरीः याचिका में जीएसटी के वरिष्ठ अधिवक्ता किंशुक जैन ने अदालत को बताया कि आरोपी गौतम गर्ग ने करीब 7.48 करोड रुपए की कर चोरी की थी. जीएसटी एक्ट की धारा 70 के तहत दर्ज बयानों में आरोपी ने माना कि उसने अपने अंकल से मिलकर फर्जी फर्मो को सप्लाई दिखाकर कर चोरी की है. इसके अलावा विभाग को उसके घर से चार लाख रुपए की नकदी भी मिली थी. इसके अलावा उसके मोबाइल में सोशल मीडिया के बने ग्रुप में भी कर चोरी की बातें सामने आई हैं.

पढ़ेंः बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक मलिंगा को मिली जमानत रद्द - bail of ex MLA Malinga cancelled

सरेंडर करने के आदेशः इसके बावजूद भी निचली अदालत ने माना कि आरोपी ने सामान्य परिस्थितियों में बयान दर्ज नहीं कराए थे. वहीं, इस बात का भी कोई साक्ष्य नहीं है कि वह संबंधित कंपनियों का मैनेजर है. अन्य साक्ष्य भी ऐसे नहीं है कि उसे जेल में रखा जाए. इसके साथ ही निचली अदालत ने गत 3 नवंबर को उसकी जमानत अर्जी को मंजूर कर उसे जेल से रिहा करने के आदेश दिए. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से जमानत को रद्द करने को लेकर याचिका दायर की गई. इसमें कहा कि मिली जमानत को रद्द कर आरोपी को पुन: जेल भेजने जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को मिली जमानत रद्द कर उसे निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कर चोरी के मामले में आरोपी गौतम गर्ग को मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को कहा है कि वह तीस दिन में निचली अदालत में सरेंडर करे. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश केंद्र सरकार की ओर से दायर जमानत रद्द करने के लिए पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

7.48 करोड़ की कर चोरीः याचिका में जीएसटी के वरिष्ठ अधिवक्ता किंशुक जैन ने अदालत को बताया कि आरोपी गौतम गर्ग ने करीब 7.48 करोड रुपए की कर चोरी की थी. जीएसटी एक्ट की धारा 70 के तहत दर्ज बयानों में आरोपी ने माना कि उसने अपने अंकल से मिलकर फर्जी फर्मो को सप्लाई दिखाकर कर चोरी की है. इसके अलावा विभाग को उसके घर से चार लाख रुपए की नकदी भी मिली थी. इसके अलावा उसके मोबाइल में सोशल मीडिया के बने ग्रुप में भी कर चोरी की बातें सामने आई हैं.

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सरेंडर करने के आदेशः इसके बावजूद भी निचली अदालत ने माना कि आरोपी ने सामान्य परिस्थितियों में बयान दर्ज नहीं कराए थे. वहीं, इस बात का भी कोई साक्ष्य नहीं है कि वह संबंधित कंपनियों का मैनेजर है. अन्य साक्ष्य भी ऐसे नहीं है कि उसे जेल में रखा जाए. इसके साथ ही निचली अदालत ने गत 3 नवंबर को उसकी जमानत अर्जी को मंजूर कर उसे जेल से रिहा करने के आदेश दिए. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से जमानत को रद्द करने को लेकर याचिका दायर की गई. इसमें कहा कि मिली जमानत को रद्द कर आरोपी को पुन: जेल भेजने जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को मिली जमानत रद्द कर उसे निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं.

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