जयपुर. गर्भवती महिलाओं को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए वाउचर सिस्टम शुरू करने जा रही है. इस वाउचर सिस्टम के तहत जिन अस्पतालों में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां गर्भवती महिलाएं प्राइवेट अस्पतालों में भी सोनोग्राफी करवा सकेंगी.
मामले को लेकर चिकित्सा विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह का कहना है कि प्रदेश के कई छोटे-बड़े सरकारी अस्पतालों में आमतौर पर बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं अपना इलाज करवाने पहुंचती हैं. भारत सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक हर महीने की 9, 18 और 27 तारीख को गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी सरकारी अस्पतालों में की जाती है. शुभ्रा सिंह का कहना है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी की मशीन तो उपलब्ध है, लेकिन उनको ऑपरेट करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट की कमी लंबे समय से चल रही है. ऐसे में कई सेंटर्स पर सोनोग्राफी नहीं हो पाती है. इसके बाद सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए वाउचर सिस्टम शुरू करने की घोषणा की है.
क्या होगा वाउचर सिस्टम: शुभ्रा सिंह का कहना है कि प्रदेश के जिन सरकारी अस्पतालों में किसी कारणवश गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी नहीं हो पाती है, उन अस्पतालों में महिलाओं को वाउचर दिया जाएगा. जिसके बाद गर्भवती महिलाएं सरकार से अनुबंधित प्राइवेट अस्पतालों में सोनोग्राफी करवा सकेंगी. इस वाउचर से सरकार प्राइवेट अस्पतालों को भुगतान करेगी.
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पायलट प्रोजेक्ट: शुभ्रा सिंह का कहना है कि चिकित्सा विभाग की ओर से सबसे पहले यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया गया था. यह प्रोजेक्ट तीन जिलों में संचालित किया गया था जिसमें भरतपुर, धौलपुर और बांरा जिला शामिल थे. जिसके बाद अब जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों में इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया जाएगा.